सद्भावना से भरे विनम्र नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दुनिया को अलविदा कह गए। अपने अच्छे गुणों, साहित्यक व राजनीतिक उपलब्धियों के कारण उनकी स्नेहता का घेरा पार्टी सीमाओं से बहुत ऊपर था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी उनके प्रशंसकों में शामिल हैं।...
आखिर कैसे रूक पायेगी दुष्कर्म की घटनायें?
नानी के घर आई तीन साल की मासूम बच्ची राजस्थान में झुंझुनू शहर के बीडीके अस्पताल के एक बैड पर गुमसुम बैठी थी। उसे तो यह मालूम ही नहीं है कि उसके साथ हुआ क्या है, क्योंकि यह सब समझने की उसकी अभी उम्र कहां है। उसके आगे कई तरह के खिलौने पड़े हैं। कभी वो ग...
विदेशों में ही क्यों बढ़ रही है हिन्दी की ताकत
भारत एक है, संविधान एक है। लोकसभा एक है। सेना एक है। मुद्रा एक है। राष्ट्रीय ध्वज एक है। लेकिन इन सबके अतिरिक्त बहुत कुछ और है जो भी एक होना चाहिए। बात चाहे राष्ट्र भाषा हो या राष्ट्र गान या राष्ट्र गीत- इन सबको भी समूचे राष्ट्र में सम्मान एवं स्वीका...
आजादी अभी अधूरी
देश आज 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। लगभग पौनी सदी गुजरने तक देश हथियारों, खाद्य व जन्म दर घटाने के पक्ष से तरक्की कर गया है किंतु जिस राजनीति व सरकारी पक्षपात के खिलाफ स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानियां दी थी वह पक्षपात आज भी देश के माथे पर कलं...
पांच प्रतिशत पानी की जिंदगानी
पेयजल के सम्बन्ध में लाख चेतावनियों के बावजूद हमारी विधायिका और कार्यपालिका के स्तर पर भारी उदासीनता और लापरवाही दिन प्रतिदिन उजागर हो रही है जो बेहद चिंताजनक और मर्मान्तक है। हाल ही में नीति आयोग ने पानी के संकट को लेकर देश को चेताया था और अब कैग की...
स्वतंत्रता बाद की उपलब्धियां और चुनौतियां
आजादी के सात दशक बाद भी यह सवाल जेरेबहस है कि आजादी की जंग के दौरान जो सपने बुने-गढ़े गए थे क्या वे पूरे हुए हैं? क्या समाज के अंतिम पांत का अंतिम व्यक्ति आजादी के लक्ष्य को हासिल कर लिया है? दो राय नहीं कि आजादी के बाद इन सात दशकों में देश ने उल्लेखन...
राजनीतिज्ञों की शह पर रक्षक ही बन रहे भक्षक
बिहार व उत्तरप्रदेश के शैल्टर होम में बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं रूह कंपा देने वाली हैं। देश में एनजीओ के नाम पर सिर्फ सरकारी पैसों का गबन ही नहीं हो रहा बल्कि नैतिकता की सीमाएं भी लांघी जा रही हैं। एनजीओ को स्वीकृति व अनुदान राशि किस तरह मिलत...
भारतीय संसदीय परंपरा को समृद्ध करने वाले सोमनाथ
देश के वामपंथी राजनीति के पुरोधा एवं शिखर स्तंभ सोमनाथ चटर्जी का निधन संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है।13 अगस्त सुबह,कोलकाता के एक अस्पताल में उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। उन्होंने संसदीय प्रणाली के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में स...
हमेशा अमर रहेंगे भगवान दास इन्सां
शहीद कभी पैदा नहीं किए जाते, वे तो जन्म से ही देश व धर्म पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहते हैं। उनमें संघर्ष की भावना कूट-कूट कर भरी होती है। शहीदों की इसी गौरवमयी गाथा को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के पीलीबंगा कस्बे के महान् शहीद भगवान दास इन्सां ने धर्...
एनआरसी पर राजनीतिक पैंतरा
नेशनल सिटीजन रजिस्टर का आखिरी मसौदा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों में तैयार किया गया था, जिसमें इसका खुलासा होने पर राजनीतिक पार्टियों ने इसे राजनीतिक पैंतरा बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। पश्चिमी बंगाल में तो यह राजनीति की धुरी बनता जा रहा है। हालां...