पांच प्रतिशत पानी की जिंदगानी
पेयजल के सम्बन्ध में लाख चेतावनियों के बावजूद हमारी विधायिका और कार्यपालिका के स्तर पर भारी उदासीनता और लापरवाही दिन प्रतिदिन उजागर हो रही है जो बेहद चिंताजनक और मर्मान्तक है। हाल ही में नीति आयोग ने पानी के संकट को लेकर देश को चेताया था और अब कैग की...
स्वतंत्रता बाद की उपलब्धियां और चुनौतियां
आजादी के सात दशक बाद भी यह सवाल जेरेबहस है कि आजादी की जंग के दौरान जो सपने बुने-गढ़े गए थे क्या वे पूरे हुए हैं? क्या समाज के अंतिम पांत का अंतिम व्यक्ति आजादी के लक्ष्य को हासिल कर लिया है? दो राय नहीं कि आजादी के बाद इन सात दशकों में देश ने उल्लेखन...
राजनीतिज्ञों की शह पर रक्षक ही बन रहे भक्षक
बिहार व उत्तरप्रदेश के शैल्टर होम में बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं रूह कंपा देने वाली हैं। देश में एनजीओ के नाम पर सिर्फ सरकारी पैसों का गबन ही नहीं हो रहा बल्कि नैतिकता की सीमाएं भी लांघी जा रही हैं। एनजीओ को स्वीकृति व अनुदान राशि किस तरह मिलत...
भारतीय संसदीय परंपरा को समृद्ध करने वाले सोमनाथ
देश के वामपंथी राजनीति के पुरोधा एवं शिखर स्तंभ सोमनाथ चटर्जी का निधन संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है।13 अगस्त सुबह,कोलकाता के एक अस्पताल में उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। उन्होंने संसदीय प्रणाली के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में स...
हमेशा अमर रहेंगे भगवान दास इन्सां
शहीद कभी पैदा नहीं किए जाते, वे तो जन्म से ही देश व धर्म पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहते हैं। उनमें संघर्ष की भावना कूट-कूट कर भरी होती है। शहीदों की इसी गौरवमयी गाथा को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के पीलीबंगा कस्बे के महान् शहीद भगवान दास इन्सां ने धर्...
एनआरसी पर राजनीतिक पैंतरा
नेशनल सिटीजन रजिस्टर का आखिरी मसौदा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों में तैयार किया गया था, जिसमें इसका खुलासा होने पर राजनीतिक पार्टियों ने इसे राजनीतिक पैंतरा बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। पश्चिमी बंगाल में तो यह राजनीति की धुरी बनता जा रहा है। हालां...
भिखारी मुक्त अभियान में अदालती रोड़ा
भिखारियों के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाकर उन्हें बड़ी राहत दी है। फैसले के बाद भिखारी मुक्त समाज के लिए की जा रही पहल को भी धक्का लगा है। दरअसल पूरे देश में भिखारियों को हटाने को लेकर हर स्तर पर एक बड़ी बहस छिड़ी हुई। सभी केंद्र शासित उपप्रदेशों के मु...
बच्चा स्कूल जाता है या जेल
हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा जिंदगी में कुछ ऐसा करें जिससे समाज में उसकी अलग पहचान बने और वह धरातलीय सच्चाई को समझे। कई माता-पिता पढ़ाई को लेकर गलत धारणा पाल लेते हैं। उन्हें लगता है कि किताबी ज्ञान ही सब कुछ है और वो बच्चों को दिनभर कित...
शिक्षा क्षेत्र में प्रेरणा स्त्रोत अध्यापकों का हो सम्मान
सरकारी स्कूलों की बदहाल ईमारतें, स्टाफ की कमी व बुरे वार्षिक परीक्षा परिणामों का जिक्र तो आम ही रहता है। बड़ी संख्या में स्कूलों की दुर्दशा है लेकिन आशा की किरण अभी भी बाकी है जो प्रेरणादायक भी है। ‘सच-कहूँ’ ने अपने कुछ कॉलमों के तहत सरकारी स्कूलों की...
प्लास्टिक भविष्य का टाइम बम!
पूरे देश से प्रतिदिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इसमें से 15,384 टन (60 प्रतिशत) कचरे का ही प्रतिदिन एकत्रण और पुनर्चक्रण हो पा रहा है। बाकी 40 फीसदी प्लास्टिक कचरे का अधिकांश हिस्सा जो एकत्र नहीं हो पाता है, वह ना...