लोकतंत्र की छवि प्रभावित
संसद का का मानसून सत्र निराशाजनक रहा है। केंद्र सरकार पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा करने के लिए विपक्ष की मांग के समक्ष नहीं झुकी। उच्चतम न्यायालय इस संबंध में अनेक याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में राजनेताओं, सामाजिक कार्यकतार्ओं, पत्रकार...
सरकार पर भारी शराब माफिया
तमाम दावों और घोषणाओं के बावजूद देश में जहरीली शराब मौत का पर्याय बनी हुई है। न तो इसके अवैध निर्माण का कारोबार बंद हुआ है और न ही बिक्री पर रोक लग पाई है। नतीजतन हर साल जहरीली शराब से सैंकड़ों लोग बेमौत मारे जाते हैं।
जोंक से उपचार की विधि ‘जलौकावचारण’
आपने अकसर देखा होगा कि नमक को खुले में रखने से कुछ दिन के बाद वो चिपचिपा हो जाता है और इसी हाल में रहने पर पूरी तरह से पिघल जाता हैं। ये ऐसा इसलिए होता है कि नमक हवा से नमी (हवा में घुली पानी की भाप) सोख लेता हैं। जब तक नमक में नमी की मात्रा कम रहती ...
‘मैं गरीब हूं’, इबारत गरीबी का मजाक है
राजस्थान में गरीबों का मखौल उड़ाने का एक गंभीर मामला सामने आया है, जो हमारी राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक मूल्यहीनता एवं दिशाहीनता का परिचायक है। राजनीतिक लाभ लेने के लिये किस तरह सरकार के द्वारा जनयोजनाआेंं को भुनाने के प्रयत्न होते हैं, उसका राजस्थान...
त्योहारी सीजन में मिलावट का महाजाल
त्योहारी सीजन शुरू होते ही देशवासियों ने अपने अपने स्तर पर पर्व मनाने की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है। त्योहारों पर आमजन अपने अपने सामर्थ्य के मुताबिक नए कपड़े, जेवर, मिठाइयां और फल फ्रूट आदि खरीदते हैं। खुद खाते हैं और अपने मित्रों तथा रिश्तेदारों...
मोटर व्हीकल एक्ट से बढ़ता विवाद
मोटर व्हीकल एक्ट इन दिनों केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। हाल ही में केंद्र सरकार ने 1988 के मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ नए प्रावधानों को जोड़ा है। जिसमें लाइसेंसिंग सिस्टम में सुधार, तकनीकी का प्रयोग, दुर्घटना में घायलों की मदद करने व...
छोटी सोच के बड़े मसीहा
कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी’। इस पंक्ति का प्रयोग हम अक्सर भारत की विभिन्नताओं को दर्शाने के लिए करते हैं और पूरी दुनिया को ये दिखाने का प्रयास करते हैं कि कैसे हम जाति, धर्म, स्थान विशेष से अलग होने के बावजूद एक ही हैं, पर कहते हैं न कि ‘ह...
आपदा से निपटने की तैयारी आवश्यक
केरल में आई विनाशकारी बाढ़ पिछले कुछ दशकों में देश में आई सबसे भीषणतम प्राकतिक आपदा है। देश में बाढ़Þ के कारण प्रति वर्ष हजारों लोग प्रभावित होते हैं फिर भी देश में आपदा प्रबंधन रणनीति नहीं है जोकि अतयावश्यक है और यह इसलिए भी आवश्यक है कि ऐसी आपदाओं मे...
मतदान के प्रति जागरुक हों मतदाता
विश्व के सभी देशों में उसके नागरिकों के मन में अपने देश के प्रति असीम प्यार की भावना समाहित रहती है। यही भावना उस देश की मतबूती का आधार भी होती है। जिस देश में यह भाव समाप्त हो जाता है, उसके बारे कहा जा सकता है कि वह देश या तो मृत प्राय: है या समाप्त...
सरकार को किसान बनकर किसान की पीड़ा जाननी चाहिए
जंतर-मंतर, महाराष्ट, मध्यप्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में किसान आन्दोलन कर रहे हैं। देशभर में किसान कर्ज व आत्महत्याओं का सिलसिला दिन-ब-दिन जटिल होता जा रहा है। भारत में अभी भी एक बहुत बड़ी आबादी कृषि क्षेत्र से न केवल जीविकोपार्जन कर रही है, बल्कि उ...