पाखंड से छुटकारा दिला सच्चे सतगुरू जी ने दिखाया सच्चा रास्ता
प्रेमी कंवलजीत सिंह इन्सां सुपुत्र श्री कुलजीत सिंह इन्सां निवासी बंबीहा भाई ब्लॉक मल्ल के तहसील बाघा पुराना जिला मोगा और वर्तमान में जो कुवैत देश के जलीन नामक शहर/राज्य में रहता है। प्रेमी कंवलजीत लिखता है कि यह सन् 1992 की बात है। एक दिन मुझे स्कूल...
लिंगानुपात में असंतुलन की गंभीर समस्या
भारतीय समाज में बेटा-बेटी में फर्क करने की मानसिकता में बदलाव लाने और लड़कियों की दशा और दिशा सुधारने के लिए पिछले कुछ वर्षों से सरकारी स्तर पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे कई महत्वपूर्ण अभियान चलाए जाने के बावजूद हाल ही में ‘नीति आयोग’ की जो चौंकाने व...
भारत में गरीबी के आंकड़ों का मायाजाल
भारत गरीबी के चंगुल से निकलने के किये सतत् प्रयासरत है। गरीबी उन्मूलन की विभिन्न योजनाओं के चलते देश में गरीबी हटने के आशा जनक संकेत तो कम से कम यही बता रहे हैं। इसे आंकड़ों का मायाजाल कहें या वास्तविकता मगर गरीबी के लगातार हटने के समाचारों से भारत को...
‘‘पूर्ण सतगुरू अपने मुरीदों का साथ कभी नहीं छोड़ता’’
13 मई 1987 :- पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज गांव मोठमाजरा, जिला जींद में सत्संग फरमा रहे थे। एक शंकावादी व्यक्ति ने कहा कि जो व्यक्ति नाम लेकर नियमों को उल्लंघन करता है तो सतगुरू उसे कैसे लेकर जाएगा, क्योंकि उसने अपने सतगुरू का हुक्म तो मा...
‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’
18जून 1858 को महारानी लक्ष्मीबाई ने अपने देश को स्वतंत्र कराने हेतु जो आत्मोत्सर्ग किया, वह भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया। महारानी लक्ष्मीबाई के समान अतुलनीय पराक्रम, शौर्य, संगठन भावना और दूरदृष्टि विश्व...
सच्चे सतगुरु जी ने शिष्य को बख्शी नई जिदंगी
सन् 1988 की बात है। मेरी शादी के चार वर्ष उपरांत मेरे परिवार ने मुझे अलग कर दिया। मेरे सिर पर इतना कर्ज हो गया कि मैं अपनी सारी जायदाद बेचकर भी उसे उतार नहीं सकता था। एक दिन मैंने सोचा कि ऐसी जिंदगी से मरना ही बेहतर है। मैं अपने कमरे में जाकर आत्महत्...
सावण शाही मौज की बख्शिश: बागड़ तारने का आदेश
पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने अपना सर्वस्व अपने सतगुरु बाबा सावन सिंह जी महाराज के चरणों में अर्पित कर दिया। बेपरवाह शाह मस्ताना जी का अपने मुर्शिद से इतना ज्यादा प्रेम था कि उनके प्यार, वैराग्य में हर समय आँखों से आँसू बहते रहते और जब दर्श...
पर्यावरण: घटती हरियाली, बढ़ता प्रदूषण
देश की राजधानी दिल्ली में सरकार द्वारा हजारों पेड़ काटने की अनुमति प्रदान किए जाने को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद अंतत: दिल्ली सरकार द्वारा यह तर्क देते हुए राजधानी में पेड़ काटने के सभी आदेश रद्द कर दिए गए हैं कि पेड़ काटने के नियमों के उल्लंघन का मामला...
स्वतंत्रता बाद की उपलब्धियां और चुनौतियां
आजादी के सात दशक बाद भी यह सवाल जेरेबहस है कि आजादी की जंग के दौरान जो सपने बुने-गढ़े गए थे क्या वे पूरे हुए हैं? क्या समाज के अंतिम पांत का अंतिम व्यक्ति आजादी के लक्ष्य को हासिल कर लिया है? दो राय नहीं कि आजादी के बाद इन सात दशकों में देश ने उल्लेखन...
बाढ़ की विभीषिका!
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून में एकाएक आई तेजी की वजह से इस समय देश के उत्तर तथा उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति ने वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तराखंड, ओडिशा, बिहार, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश आदि राज्य बाढ़ की चपेट में...