माल्या के प्रत्यर्पण से बैंक लुटेरों में बढ़ेगा खौफ
भारतीय बैंक आज घोटालों के कारण संकट में फसें हुए हैं। विजय माल्या जैसों को कड़ी सजा मिलती है तो फिर बैंकों के कर्ज लेकर डकारने वाले अपराधियों में खौफ पैदा होगा। इसके अलावा बैंकों के भ्रष्ट अधिकारियों को भी कड़ा संदेश जायेगा।
समाज विज्ञानियोें के लिए गंभीर चुनौती बनती डिप्रेशन
अंतरराष्टÑीय संस्था सिग्मा की हालिया रिपोर्ट बेहद चैंकाने के साथ ही चेताने वाली भी है कि कार्य स्थल के माहौल के चलते लोग तेजी से डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। सिग्मा 360 डिग्री वेल-बीइंग सर्वेक्षण फ्यूचर एशयोर्ड द्वारा पिछले दिनों जारी रिपोर्ट में बत...
मरीज एवं डॉक्टर के बीच रिश्तों का धुंधलाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में मरीजों और डॉक्टरों के बीच भावनात्मक रिश्ते की जरूरत को उजागर किया। उनका कहना था कि गलाकाट व्यावसायिकता ने मानवीय संवेदनाओं को लील लिया है, लिहाजा इसका असर डॉक्टर और रोगी के संवेदनशील संबंधों पर पड़ रहा है...
जल दिवस विशेष: प्राकृतिक पानी पीने से घुटनों की बीमारी से मिली निजात!
घग्गर का पानी पीने से सैकड़ों लोग कैंसर और काला पीलिया के शिकार
World Water Day: मानसा/सरदूलगढ़ (सच कहूँ/सुखजीत मान)। घग्गर नदी के साथ सटे सरदूलगढ़ क्षेत्र में भू-जल पूरी तरह से दृषित हो गया है, जिसके परिणाम स्वरूप काला पीलिया व कैंसर जैसी भयानक बीमारि...
वनों को आग से बचाने के लिए बने ठोस नीति
वनों के बिना धरती दिवस मनाने का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। वनों की तबाही के होते विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। बेहतर हो यदि अमीर देश व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं वनों को बचाने के लिए कोई ठोस मुहिम चलाएं, हर घटना पर चुप रहने से समस्या का निराकरण नहीं हो सकता।
प्रेरणास्त्रोत : शंकराचार्य का उपदेश
‘मूढ़मते’ अर्थात् मूर्ख लोग कौन है? शंकराचार्य ने स्वयं इसका उत्तर दिया है- ‘‘नास्तिको मूढ़ उच्यते’’ अर्थात् जो आत्मा को नहीं मानते, अनात्मावादी हैं, वे ही मूढ़ हैं। ऐसे लोग जिनका विशाल बहुमत है, जो अपने सामान्य जीवन में तो करों का भुगतान करते हैं, लेकि...
लगातार महंगे होते चुनावों की त्रासदी!
चुनाव जनतंत्र की जीवनी शक्ति है। यह राष्ट्रीय चरित्र का प्रतिबिम्ब होता है। जनतंत्र के स्वस्थ मूल्यों को बनाए रखने के लिए चुनाव की स्वस्थता, पारदर्शिता और उसकी शुद्धि अनिवार्य है। चुनाव की प्रक्रिया गलत होने पर लोकतंत्र की जड़े खोखली होती चली जाती हैं...
निकाय चुनावों में मिली सफलता से बढ़ा टीएमसी का हौसला
पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए निकाय चुनावों में तृणमूल कांग्रेस को अच्छी खासी कामयाबी मिली जिससे पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी सहित कार्यकर्ताओं को भी राहत मिली। साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी हुई है। चुनाव से पहले टीएमसी में उहापोह की स्थिति थी। प्रदेश ...
फेसबुक का प्रसार व पक्षपात
देश की राजनीति में फेसबुक की भूमिका की चर्चा होनी एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने राजनीतिक विशेषज्ञों को भी असमंजस में डाल दिया है। दरअसल 2014 के लोक सभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया की चर्चा पहली बार हुई थी। इससे पूर्व केवल प्रिंट मीडिया और इलैक्ट्रोनि...
संपादकीय : निजी सेक्टर के साथ पब्लिक सेक्टर रखना होगा मजबूत
हमारा संविधान देश को जन कल्याणकारी राज्य घोषित करता है। बिजली, रेल, हवाई यात्र, पेट्रोलियम, गैस, कोयला, संचार, फर्टिलाइजर, सीमेंट, एल्युमिनियम, भंडारण, ट्रांस्पोरटेशन, इलेक्ट्रानिक्स, हैवी विद्युत उपकरण, हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में आजादी के बाद...