पराली से प्रदूषण : तर्क, हठ व हकीकत
बीते दिनों पंजाब के बरनाला में किसानों के भारी जनसमूह ने आर्थिक सहायता न मिलने तक पराली जलाने का निर्णय लिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्णय के खिलाफ बरनाला में हुआ। सम्मेलन पराली के मामले में सबसे भारी इक ट्ठ था। यह बात महत्वपूर्ण है कि किसानों...
विज्ञान के क्षेत्र में महान योगदान रहा वेंकट रमन का
दक्षिण भारत के त्रिचुनापल्ली में पिता चंद्रशेखर अय्यर व माता पार्वती अम्मा के घर में 7 नवंबर 1888 को जन्मे भौतिक शास्त्री चंद्रशेखर वेंकट रमन उनके माता-पिता के दूसरे नंबर की संतान थे। उनके पिता चंद्रशेखर अय्यर महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रवक्त...
धार्मिक स्वतंत्रता के लिए दी कुर्बानी
महाशहीद लीली कुमार इन्सां पर विशेष
सच्चाई पर चलने वाले व्यक्ति दहशतगर्दों के क्रूर इरादों के समक्ष कभी नहीं झुकते। ऐसे इन्सान सच्चाई के लिए प्राणों की परवाह नहीं करते। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी थे महाशहीद लिल्ली कुमार इन्सां।
उनकी शहादत भी सच के लिए...
कश्मीर और कश्मीरी लोग हमारे
धारा-370 और 35-ए हटाने के बाद देश में कश्मीरी विद्यार्थियों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें चिंताजनक हैं। अलवर में एक कश्मीरी युवक को महिलाओं के कपड़े पहनाए गए, फिर पीटने का मामला सामने आया है। खुद को राष्ट्रवादी कहलाने वाले कुछ लोग भड़काऊ कार्यवाही कर रहे...
कब रूकेगी खाद्य पदार्थों में मिलावट
सरसा। त्यौहारों का मौसम आरंभ हो गया है तो तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान हमारे दैनिक जीवन में बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे लेकिन पिछले अनेक वर्षों के आंकड़े देखें तो अनेक स्थानों पर मिलावटी खोया पकड़े जाने के समाचार यत्र तत्र दिखाई देंगे। म...
जल की शुद्धता और उपलब्धता पर संकट
विज्ञान पत्रिका नेचर जियोसाइंस की मानें तो सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का 60 प्रतिशत भूजल पूरी तरह दूषित हो चुका है। कहीं यह सीमा से अधिक खारा है तो कहीं उसमें आर्सेनिक की मात्रा बहुत अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक 200 मीटर की गहराई पर मौजूद भूजल...
सर्व सहमति से ही चुना जाए अगला राष्ट्रपति
दोनों बड़े राजनीतिक दल भजपा व कांग्रेस राष्ट्रपति चुनावों के लिए सहमति बनाने की ओर बढ़ रहे हैं इसे लेकर दोनों ने आपसी चर्चा भी की है। देश की राजनीति में यह अच्छा वक्त कहा जाएगा कि भाजपा जो अभी देश में पूर्ण बहूमत की स्थिति में है फिर भी वह राष्ट्रपति च...
प्रेरणास्त्रोत: एक ब्राह्मण की कथा
जिस धन के लिए मैंने जीतोड़ परिश्रम किया वह न तो धर्म-कर्म में लगा और न मेरे सुख भोग के काम ही आया। इस संसार सागर से पार होने के लिए वैराग्य एक नौका के समान है। अब मैं शेष बची हुई आयु से आत्म-लाभ लेकर अपना कल्याण करूँगा। वह ब्राह्मण मौनी-सन्यासी हो गया, वह अपना मन वश में करके पृथ्वी पर स्वतन्त्रता से विचरण करने लगा।
भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों हैं
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि आदिवासी अस्तित्व, संघर्ष, हक-अधिकारों और इतिहास को याद करने के साथ-साथ जिम्मेदारियों और कत्र्तव्यों की समीक्षा करने का दिन भी है। आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निर...
बच्चों के अधिकार किसी दल की प्राथमिकता क्यों नहीं?
भारत में गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, बाल मजदूरी और अंधविश्वास बचपन के बैरी तो हैं ही साथ में कुबेर तंत्र बनती राजनीति भी बचपन के दुश्मन ही बन गए हैं, क्योंकि सरकारी नीतियां बचपन को बचाने और सही दिशा देने में नाकाफी साबित हो रहीं हैं। सड़कों पर घूमते बच्चे...