कृषि से पलायन थामने की चुनौती
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2017-18 में यह स्वीकारोक्ति कि रोजी की तलाश में गांवों से पलायन बढ़ रहा है और कृषि कार्य का बोझ महिलाओं पर आन पड़ा है।
रेखांकित करने के लिए पर्याप्त है कि कृषि से जुड़े रोजगार के अवसर लगात...
वायु एवं जल प्रदूषण के लिये हो मतदान
दिल्ली इन दिनों जिस जानलेवा वायु प्रदूषण की शिकार है, लोग अपने घरों तक में सुरक्षित नहीं है। जल निकासी की माकूल व्यवस्था न होना शहर में जल भराव का स्थायी कारण बनता रहा है, वह भी जानलेवा होकर। शहर के लिए सड़क चाहिए, बिजली चाहिए, जल चाहिए, मकान चाहिए और...
महाराणा प्रताप जिन्होंने नहीं झुकाया कभी अन्याय के आगे सिर
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। उनके पिता महाराणा उदयसिंह और माता जयवंत कंवर थीं। महाराणा प्रताप को बचपन में 'कीका' के नाम से पुकारा जाता था। राजपूताना राज्यों में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है जिस...
प्लास्टिक कचरे से मुक्ति कब तक
वर्तमान में प्लास्टिक कचरा बढ़ने से जिस प्रकार से प्राकृतिक हवाओं में प्रदूषण बढ़ रहा है, वह मानव जीवन के लिए तो अहितकर है ही, साथ ही हमारे स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी विपरीत स्थितियां पैदा कर रहा है। हालांकि इसके लिए समय-समय पर सरकारी सहयोग लेकर गैर सरक...
तालीबानी राष्ट्र, दुनिया के लिए आफत
राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद अफगानिस्तान क्रूर तालीबानी शासकों के हाथ आ गया है। इसके साथ ही इस देश में भारी तबाही, औरतों पर बंदिशें और मामूली अपराधियों को अंग-भंग कर देने का शासन शुरू हो गया। देश की जनता को तालिबान के रहमोकरम पर छोड़कर भागे राष्ट्रपत...
‘विनोबा भावे’ को मरणोपरांत मिला था भारत रत्न
आचार्य विनोबा भावे एक अहिंसा कार्यकर्ता, स्वतंत्रता कार्यकर्ता, समाज सुधारक और आध्यात्मिक शिक्षक थे। महात्मा गांधी के अनुयायी, विनोबा ने अहिंसा और समानता के अपने सिद्धांतों को बरकरार रखा। उन्होंने अपना जीवन गरीबों और दलितों की सेवा में समर्पित कर दिय...
औपचारिकता न बने पर्यावरण दिवस
प्रकृति हो या मानव जीवन, समाज हो अथवा देश, सभी की उचित स्थिति सुख-समृद्धि तभी तक रह सकती है, जब तक उनमें पर्याप्त संतुलन बना रहे। लेकिन कुछ सालों से पर्यावरण पूरी तरह से असंतुलित हो गया है। पर्यावरण दिवस मनाने के मायने क्या हैं? इसको समझना अब इसलिए भ...
असम की विनीता जैन बनीं मिसाल
टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक 'कौन बनेगा करोड़पति' के दसवें संस्करण में असम के गुवाहाटी की रहने वाली विनीता जैन ने 1 करोड़ रुपए जीतकर महिलाओं के लिए नई मिसाल कायम की है। इसके साथ ही विनीता जैन इस संस्करण की पहली करोड़पति बन गई है और साथ ही में सात करोड़ रुप...
देश के लिए अभिशाप है बालश्रम
बच्चे देश का भविष्य हैं। हमारे देश में बच्चों को भगवान का रूप भी माना गया है। लेकिन वर्तमान में बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षित भविष्य के लिए समूचा देश चिन्तित है। हमारे देश में कुल श्रम शक्ति का लगभग 3.4 प्रतिशत भाग 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों...
विलंबित न्याय: अन्याय समान
किसी भी आजाद देश जो विकास पथ पर अग्रसर है, उसके लिए यह बहुत ही जरूरी हो जाता है कि आम आदमी को सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए राज्य न सिर्फ इसका समुचित प्रबंध करे बल्कि इसके लिए दीर्घकारी योजनाएं भी बनाए।
अफसोस कि आज भी एक आम आदमी को अमूमन तौर पर...