ग्लोबल वार्मिंग बन रही खतरे की घंटी
Global Warming Ke Khatre: यूरोप के दक्षिणी भाग में इन दिनों पारा 40 डिग्री से ऊपर दर्ज हो रहा है। इटली, रोमानिया जैसे देशों में आबादी को भंयकर गर्मी की मार पड़ रही है। पिछले वर्ष यूरोप में गर्मी से करीब एक लाख 40 हजार लोग प्रभावित हुए थे। परिस्थितियां...
ज्योतिबा फुले ने दिखाई सामाजिक बदलाव की राह
महात्मा ज्योतिबा फुले भारत में सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई के अगुवा हैं। अपने विचारों और कार्यों की बदौलत उन्होंने दलित-वंचित समाज को वर्ण-व्यवस्था के भेदभावकारी व शोषणकारी चंगुल से आजादी के लिए निर्णायक संघर्ष का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने देश ...
NASA News: कहीं स्वर्ग में कुछ गड़बड़ तो नहीं, नासा ने शेयर की ब्रह्माण्ड की अद्भुत तस्वीरें, लोगों ने दिया गजब का रिएक्शन
NASA News: स्पेस एजेंसी ‘नासा’ अक्सर ब्रह्मांड की अद्भुत तस्वीरें दुनिया से शेयर करता हैं, वही ये तसवीरें कई बार बहुत ही मनमोहक तो कई बार हद से ज्यादा डरावनी होती हैं। ताजा तस्वीरें भी कुछ ऐसी ही हैं, जो आपके सामने है। दरअसल नासा ने अपने सोशल मीडिया ...
ISRO News: … तो हम सब मारे जाएंगे, इसरो चीफ सोमनाथ ने धरती वासियों को दी बड़ी चेतावनी
ISRO Chief Somnath: इसरो का कहना है कि 370 मीटर व्यास वाला एक खतरनाक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के निकट से गुजरने वाला हैं, इसके पृथ्वी से टकराने की भी प्रबल संभावना हैं, इससे पहले 30 जून 1908 को साइबेरिया के एक सुंदूर स्थान तुंगुस्का में एक क्षुद्रग्रह के ट...
बढ़ती जनसंख्या से बढ़ रही महंगाई व गरीबी
अनियंत्रित गति से बढ़ रही जनसंख्या देश के विकास को बाधित करने के साथ ही हमारे आम जन जीवन को भी दिन-प्रतिदिन प्रभावित कर रही है। विकास की कोई भी परियोजना वर्तमान जनसंख्या दर को ध्यान में रखकर बनायी जाती है, लेकिन अचानक जनसंख्या में इजाफा होने के कारण प...
आधुनिक युग में नए नजरिए से गांधी
आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। वे भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत भी हैं और सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य भी। सत्यशोधक संत भी और शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साह...
अपने आप को जानना सीखें
लोग दुनिया को जानने की बात तो करते हैं, पर स्वयं को नहीं जानते। जानते ही नहीं, बल्कि जानना भी नहीं चाहते। खुद को जानना ही दुनिया की सबसे बड़ी नियामत है। जो खुद को नहीं जानता, वह भला दूसरों को कैसे जानेगा? दूसरों को भी जानने के लिए पहले खुद को जानना आव...
परिवार में बढ़ती दूरियां
सामाजिक सौहार्द का जितना हृास विगत 50 वर्षों में हुआ है, उतना तो उससे पूर्व के पांच सौ वर्षों में भी नहीं हुआ था, जबकि उस समय न हमारी पहचान थी और न देश की। देश एक उपनिवेश मात्र था। जैसे-तैसे सैकड़ों नाम तथा अनाम सेनानियों की वजह से हमने स्वतंत्रता तो ...
जैव-विविधता प्रकृति का अनुपम उपहार
पर्यावरण एवं प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता के महत्व देखते हुए अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस 22 मई को मनाया जाता है। जैव विविधता का सम्बन्ध पशुओं और पेड़ पौधों की प्रजातियों से है। जैव विविधता को बनाये रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है की हम अ...
सतगुरू जी ने जीव को सिखाया ईमानदारी पर चलना
शाह मस्ताना जी धाम सरसा में मासिक सत्संग पर भारी संख्या में साध-संगत पहुंची हुई थी। पूर्व की तरफ कच्चे रास्ते पर पुराना मुख्य द्वार था। सरसा के भक्त माना राम छाबड़ा व कुछ अन्य फल बेचने वाले भी डेरे के बाहर अपनी अस्थाई दुकानें लगाकर अपना सामान बेचने आए...