भारत माता का महान सपूत: सुभाष चन्द्र बोस
भारत माता को ब्रिटिश शासन सत्ता से मुक्ति के लिए हुए स्वाधीनता संघर्ष के रणांगन में हजारों आबाल वृद्ध, स्त्री, पुरुष, किसान, कामगार, व्यवसायी एवं छात्रों ने अपने प्राणों न्यौछावर किये हंै। अपने सुवासित जीवन-पुष्पों की माला से भारत माता का कंठ सुशोभित...
राहत और आहत का मिश्रण है अंग्रेजी दवाइयां
दिल्ली हाईकोर्ट ने आॅनलाइन फामेर्सी द्वारा इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री पर हालाँकि रोक लगा दी है मगर इससे आम आदमी की दिक्कतें कहीं कम नहीं हुई है। अंग्रेजी दवाइयों ने आम आदमी को राहत के साथ आहत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। यह ई-फार्मेसी और दवा दु...
असहयोग आंदोलन से स्वतंत्रता संग्राम को मिली थी नई ऊर्जा….
आज से ठीक सौ साल पहले महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ देश में पहले जनांदोलन की शुरूआत हुई थी। 1 अगस्त,1920 वह ऐतिहासिक तिथि थी,जब महात्मा गांधी ने स्वराज की प्राप्ति के लिए देश को 'असहयोग' के रूप में एक नई ताकत और हथियार से परिच...
सोशल मीडिया का दुरुपयोग
वर्तमान में सोशल मीडिया के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिस प्रकार से दुरुपयोग किया जा रहा है। वह देश में समाधान कम, समस्या ज्यादा पैदा करता हुआ दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने सुरक्षा संबंधी जो खतरे पैदा कर दिए हैं, वह एक बड़ी चु...
दांव पर आदिवासियों का जीवन
गत माह पहले प्रकाशित नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि कोलम (आंध्रप्रदेश और तेलंगाना), कोरगा (कर्नाटक), चोलानायकन (केरल), मलपहाड़िया (बिहार), कोटा (राजस्थान), बिरहोर (ओडिसा) और शोंपेन (अंडमान और निकोबार) के विशिष्ट संवेदनशील...
राजनीति में जाति का जयकारा
भारत का समाज जाति आधारित है और यहां चुनावों में जाति को काफी महत्व दिया जाता है। राजनीति भी जाति के प्रभाव से मुक्त नहीं है और टिकटों के बंटवारे से मतदान तक में जाति का प्रभाव नजर आता है। देश में छात्र संघों के चुनाव से लेकर पंच, सरपंच, नगर पालिका, व...
भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों है?
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि आदिवासी अस्तित्व, संघर्ष, हक-अधिकारों और इतिहास को याद करने के साथ-साथ जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की समीक्षा करने का भी दिन है। आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराक...
आपदा प्रबंधन में कमी व पर्यावरण प्रदूषण बन रहे महामारी
देश में आपदा प्रबंधन की हालत बहुत ही खराब है। बड़ी तो बड़ी छोटी-छोटी घटनाओं में दर्जन भर लोगों की जान पलक झपकते ही चली जाती है जबकि तब तक राहत कार्य शुरू भी नहीं हो पाते। सूरत में घटित एक कोचिंग संटर में आग की दुर्घटना में करीब डेढ़ दर्जन छात्र मौत के आ...
स्वच्छता: जिम्मेदारी किसकी
स्वच्छता यानी सफाई, इसे हम स्वर्ग या भगवान का दूसरा रूप कह सकते हैं। हमारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी स्वच्छता को विशेष स्थान दिया गया है। जहां भी पूजा-पाठ, कोई भी शुभ कार्य हो या फिर कोई भी तीज त्यौहार, सबसे पहले हम सफाई करते हैं। विश्व स्तर पर ...
आजादी पूर्व मीडिया की भूमिका का मूल्यांकन
आजादी की लड़ाई के दौरान दीनबंधु सीएफ एंड्रयूज ने लाला लाजपत राय से आग्रह किया कि वह अपना ध्यान भारत को एक ऐसा दैनिक पत्र देने के लिए केंन्द्रीत करें, जो भारतीय जनमत के लिए वैसा ही करे जैसा कि सीपी स्कॉट के मांचेस्टर गार्डियन ने ब्रिटिश जनमत के लिए किय...