एक दूसरे के पूरक हैं विचार और साहित्य
विचार और साहित्य एक-दूसरे के पूरक होते हैं। विचार आत्मा है और साहित्य शरीर।विचार अपंग होता है तो साहित्य अंधा। विचार बीज है तो साहित्य हवा, पानी, खाद, दवा। यदि साहित्य और विचार को एक-दूसरे का सहारा न मिले तो अलग-अलग रहकर दोनों अपना महत्व खो देते हैं।...
हरियाणा को सफाई का पुरुस्कार
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत देशभर में हरियाणा प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूज्य गुरू संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाए ‘स्वच्छ भारत’ और ‘हो पृथ्वी साफ मिटे रोग अभिशाप’ के अंतर्गत हरियाणा को गंदगी से निजात मिली है...
अमृतदायिनी हरी सब्जियां भी अब हो गई हैं जहरीली
आबोहवा के बाद अब हरी और पत्तेदार सब्जियां भी मानव स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित हो रही है। बच्चे से बुजर्ग तक विभिन्न बीमारियों के दौरान चिकित्सक हरी और पत्तेदार सब्जियों को जीवनदायी बता कर सेवन करने की सलाह देते है मगर यही सब्जियां अब हमारे स्वास्थ...
प्लास्टिक भविष्य का टाइम बम!
पूरे देश से प्रतिदिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इसमें से 15,384 टन (60 प्रतिशत) कचरे का ही प्रतिदिन एकत्रण और पुनर्चक्रण हो पा रहा है। बाकी 40 फीसदी प्लास्टिक कचरे का अधिकांश हिस्सा जो एकत्र नहीं हो पाता है, वह ना...
बाल अपराध: राज्यों को जवाबदेह ठहराया जाए
बिहार और उत्तर प्रदेश के आश्रय गृहों में बच्चों के साथ दुव्यर्वहार की घटनाओं पर उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न क्षेत्रों द्वारा कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है और इसमें राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन की संलिप्तता की बात भी कही गयी है। केवल कुछ लोगों ...
नए नोटों के प्रवाह से बनेगी बात
पहले जनधन खाता फिर ट्रांसेक्शन पर पेन नंबर की बाध्यता और अब समूचे देश में पांच सौ एवं एक हजार के नोटों का चलन समाप्त करना पूरी तरह सरकार का बाजार में नगदी के प्रवाह को नियंत्रित करने का प्रयास है। चूंकि हमारी अर्थव्यवस्था काले धन और नकली नोटों के चक्...
क्रांतिकारी गंगू मेहतर से अंग्रेज क्यों खौफ खाते थे?
गंगू मेहतर विट्ठुर के शासक नाना साहब पेशवा की सेना में नगाड़ा बजाते थे। गंगू मेहतर को कई नामों से पुकारा जाता है। गंगू मेहतर को पहलवानी का भी शौक था। जिसकी वजह से उन्हें गंगू पहलवान के नाम से भी पुकारा जाता था। सती चौरा गांव में इनका पहलवानी का अखाड़ा ...
रिश्तों और मयार्दाओं की गरमाहट में उलझा परिवार दिवस
विश्व परिवार दिवस 15 मई को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1994 को अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच परिवार की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाने लगा है। किसी भी समाज का के...
खेतड़ी की प्रेरणा से शिकागो गए थे स्वामी विवेकानंद
इतिहास में कुछ ऐसे क्षण होते है, कुछ ऐसी घटनाएं घटती है जो मनुष्यों की स्मृति में हमेशा के लिए अंकित हो जाती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश छोड़ जाती है। स्वामी विवेकानंद और खेतड़ी नरेश अजीत सिंह का रिश्ता इसी इतिहास का एक महत्वपूर्ण...
एक विश्व शक्ति के रूप में भारत की कल्पना?
महाशक्ति में परिपक्व राजनीति, सौहार्दपूर्ण समाज, सुदृढ़ अर्थव्यवस्था अैर सुदृढ़ रक्षा ढांचा होता है और ये चारों चीजें मिलकर उस देश को अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थिति पर पहुंचाती है और उसका वर्चस्व स्थापित करती है।