‘‘पूर्ण सतगुरू अपने मुरीदों का साथ कभी नहीं छोड़ता’’
यह बात 18 जुलाई 1970 की है। उस समय मेरा परिवार गांव किला निहाल सिंह वाली(बठिंडा) में रहता था। पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज वहां सत्संग फरमाने आए हुए थे। सत्संग का कार्यक्रम हमारे घर में ही था। कविराज भाई भजन बोल रहे थे। अचानक मेरे घर से रोने-च...
यूरी गैगरिन: छोटी उम्र में बड़े काम
27 साल के पायलट ने अंतरिक्ष में कदम रख कर इतिहास रच दिया था। आइए जानते हैं आसमां छूने वाले पहले शख्स के बारे में। रूसी-सोवियत पायलट और कॉस्मोनॉट यूरी गैगरिन का जन्म 9 मार्च 1934 में हुआ था। 12 अप्रैल, 1961 को यूरी गैगरिन ने ‘वोस्ताक-1’ में बैठ कर पृथ...
बिल गेट्स का आलीशान घर ‘शानाडू’
बिल गेट्स मात्र 13 साल के थे जब उन्होंने टिक टैक टो के नाम से पहला कंप्युटर प्रोग्राम बनाया था। बेशक बिल ने बीच में अपनी स्टडीज छोड़ दी थीं, पर वो एक ब्रिलियंट स्टूडेंट थे। यही वजह है कि वो अपना सब्जेक्ट छोड़कर दूसरे विषयों की क्लास अटेंड करते थे और उस...
मनुष्य का स्वभाव
फिशर अपने स्वभाव के मुताबिक काम करें। मैं अपने स्वभाव से काम कर रहा हूं। किसी और के लिए मैं अपना स्वभाव क्यों बदल लूं।
प्रेरणास्त्रोत: दृढ़ निश्चय
जब वह विद्यार्थी अपने निश्चय से टस से मस न हुआ तब गोरे हेडमास्टर साहब बोले, ‘यह विद्यार्थी किसी दिन बड़ी से बड़ी शक्ति को हिला देगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में हैं छह जिला न्यायालय
दिल्ली का उच्च न्यायालय 31 अक्टूबर 1966 को स्थापित किया गया था। दिल्ली का उच्च न्यायालय चार न्यायाधीशों के साथ स्थापित किया गया था। आज, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में छह जिला न्यायालय हैं जो दिल्ली उच्च न्यायालय के अधीन कार्य करते हैं।
महर्षि का शिष्य
महर्षि बोधायन शिष्यों के अनुरोध पर उस दिन आश्राम से दूर नदी तट पर वृक्षों की घनी छांव में गोठ पर गए थे। मछलियों की तरह गुरू शिष्य घंटों जल विहार करते रहे। फिर झड़बेरी के साथ पकाए गए सिवार का साग और कोदो भात भरपेट खाकर अपने वस्त्र फैलाकर लेट गए। शीघ्र ...
सबसे ज्यादा ऑस्कर विजेता भारतीय हैं रहमान
सबसे ज्यादा ऑस्कर पाने वाले भारतीय हैं ए. आर. रहमान। इन्हें स्लमडॉग मिलियनेयर में सर्वश्रेष्ठ गीत और सर्वश्रेष्ठ संगीत के लिए ऑस्कर अवार्ड मिला।
एलआईसी: ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’
भारत की पहली जीवन बीमा कम्पनी का नाम ओरियंटल लाइफ इंश्योरेंस था। ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ की असरदार टैगलाइन के साथ देश के लाखों लोगों को बीमा की सेवाएं देने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 64 साल पहले एक सितंबर के दिन ही की गई थी। भ...