Chandrayaan-3: आज महबूब को चाँद कहना गलत होगा! जानें कैसे?
Chandrayaan-3 Video: आज भी अगर किसी की तारीफों के पुल बांधने हों तो उसे चाँद कह दिया जाता है लेकिन चंद्रयान-3 ने जो चाँद की पहली तस्वीरें भेजी हैं उसे देखकर किसी की तारीफ में चाँद लफ्ज का इस्तेमाल करना गलत होगा। चाँद की तस्वीरों को देखने पर पता चला ह...
इस देश में नहीं कोई जंगल, लोग खूब पीते हैं कोका कोला
आइसलैंड को 17 जून 1944 को डेनमार्क से स्वतंत्रता हांसिल हुई थी। आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक है जो इस देश का सबसे बड़ा शहर भी है। सबसे पहले आइसलैंड में रहेने वाले लोग भिक्षु थे जो आयरलैंड से सन 800 में यहाँ पर आए थे। आइसलैंड यूरोप का ब्रिटेन के बाद दू...
120 साल पुराना बैंक आज भी मजबूत स्थिति में
भारत में सबसे पुराने सार्वजनिक बैंकों में से एक, पंजाब नेशनल बैंक भी सबसे बड़े बैंकों में से एक है। पिछले 120 वर्षों में, पंजाब नेशनल बैंक ने 110 मिलियन से अधिक ग्राहकों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करते हुए खुद को एक अग्रणी बैंक के रूप में स्थापित किया है।
हकीम का फर्ज
वह दूसरे राज्यों में भी रोगियों को देखने जाया करते थे। पैसे, मान-सम्मान की भूख उनको बिलकुल नहीं थी। सेवा ही उनके जीवन का लक्ष्य थी।
राष्ट्रपति शासन की संवैधानिक व्यवस्था
राष्ट्रपति शासन से जुड़े प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 356 में दिए गए हैं। आर्टिकल 356 के मुताबिक राष्ट्रपति किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं यदि वे इस बात से संतुष्ट हों कि राज्य सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों के मुताबिक काम नहीं कर...
जब महिलाओं के हक में पास हुआ यूएन में प्रस्ताव
महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25 नवंबर को महिलाओं के विरुद्ध हिंसा खत्म करने वाले दिन के रूप में घोषित किया हुआ है। यूएन का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा मानवाधिकार का उल्लंघन है और इसके पीछे की वजह महिलाओं...
भक्तों की सुनी पुकार, बख्शा खुशियों का खजाना
करके रहमत बेमिसाल, कर दिया मालामाल
दरबारा सिंह पुत्र स्व. श्री हरदम सिंह उर्फ हाथी राम शास्त्री नगर, नई दिल्ली ने बताया कि पहले हम बहुत ज्यादा गरीब थे। जमीन तो हमारे पास तब भी काफी थी लेकिन सारी जमीन बंंजर थी। यदि बरसात अच्छी हो जाती तो कुछ फसल हो ज...
तेरे मकान का एक कंकर लाख रुपये में भी नहीं देंगे
Shah Mastana Ji Maharaj: पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज डेरे में नीम के वृक्ष के नीचे, पानी से भरे टब में स्नान कर रहे थे। वहीं पास ही लालपुरा गांव का प्रेमी ख्याली राम मकानों की नींव के पास मिट्टी दबाने की सेवा में लगा हुआ था। स्नान करते ...
जुबां व कलम में ताकत नहीं जो साईं के गुणगान गा पाऊं
जुबां व कलम में ताकत नहीं जो साईं के गुणगान गा पाऊं,
समुद्रों क़ी सयाही, सारी बनस्पति क़ी कलम व धरती कागज बन जाए तो भी न लिख पाऊं।
इलतज़ा है ये मेरी तेरी चरण धूड को पाऊं,
बन खाक रूलती तेरे चरण कमलों क़ी हो जॉऊँ।
दीदार तेरे से मिलती आत्मा को अजब खुर...
‘‘बेटा, सारा परिवार पेड़ के नीचे छाया में बैठ जाओ, तुमने कोई काम नहीं करना, तुम्हारा घर हम बनवाएंगे।’’
अप्रैल, 1981 की बात है। हम कल्याण नगर में अपना मकान बना रहे थे। लगभग 22 दिन तक काम चलने के बाद भी मकान अधूरा था। इस दौरान पैसे भी खत्म हो चुके थे। सारा परिवार दुविधा में था कि अब मकान कैसे बनेगा? मैंने मिस्त्रियों को काम पर आने के लिए मना कर दिया। मक...