नोबेल विजेता वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना
पेड़ के नीचे पढ़ाई करने वाले एक छोटे से गांव के लड़के से नोबेल विजेता बनने तक हरगोविंद खुराना का सफर संघर्ष और जिजीविषा की दास्तान है। उनका नाम उन चुनिंदा वैज्ञानिकों में शामिल है जिन्होंने बायोटेक्नॉलॉजी की बुनियाद रखने में अहम भूमिका निभाई थी। हरगोविं...
इस देश में नहीं कोई जंगल, लोग खूब पीते हैं कोका कोला
आइसलैंड को 17 जून 1944 को डेनमार्क से स्वतंत्रता हांसिल हुई थी। आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक है जो इस देश का सबसे बड़ा शहर भी है। सबसे पहले आइसलैंड में रहेने वाले लोग भिक्षु थे जो आयरलैंड से सन 800 में यहाँ पर आए थे। आइसलैंड यूरोप का ब्रिटेन के बाद दू...
किशोर कुमार: जिन्होंने दुनिया में अपनी आवाज का बिखेरा जादू
आज हिन्दी सिनेमा जगत में शायद ही कोई ऐसा युवा गायक हो जो किशोर कुमार से प्रभावित ना हो। किशोर कुमार, एक ऐसी शख्सियत थे, जिसमें बहुमुखी प्रतिभा होने के साथ वह सब था जिसकी वजह से लोग उन्हें महान मानते थे। एक गायक और अभिनेता होने के साथ किशोर कुमार ने ल...
सच्चे भगत व बेहतरीन क्रिकेटर थे विजय मर्चेंट
नाम विजय मर्चेंट, पूरा नाम विजय माधवजी मर्चेंट। आजादी के पहले का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज। एकदम सलीके का खेल खेलने वाला। आराम से एक पांव निकालकर ड्राइव करने वाला। लेट कट और प्यारे हुक्स का महारथी। जिसने उसका एक अलग स्टाइल बनाया। दूसरों से एकदम अलहदा। वि...
शतरंज की पहली चैंपियन पर देश को नाज
शतरंज की दुनिया का जाना पहचाना नाम रोहिणी खाडिलकर आज की लड़कियों के लिए एक सशक्त प्रेरणा स्रोत हैं। उन्हें तेरह साल की उम्र में 'वुमन इंटरनेशनल मास्टर' होने का भी खिताब मिल चुका है। वर्ष 1976 में रोहिणी पहली भारतीय महिला चेस खिलाड़ी रहीं। उन्होंने बहुत...
भारत-साउथ कोरिया एक ही दिन हुए थे आजाद
साउथ कोरिया में पैदा होते ही उम्र 1 साल की मानी जाती है। हालांकि, यह सुनने में बहुत अजीब लगता है, लेकिन ये यहां का कानून है। यहां हर आदमी अपनी असली उम्र से एक साल बड़ा होता है। यह भी एक संयोग है कि भारत का स्वतंत्रता दिवस और साउथ कोरिया का स्वतंत्रता ...
विश्व में चौथे नंबर पर है भारतीय वायुसेना
अपने बुलंद हौसले अदम्य साहस पराक्रम व शौर्य के बलबूते सम्पूर्ण विश्व में भारतीय वायुसेना के जाब़ाजों की अलग ही धाक है, हमारी वायुसेना के जाब़ाज बेहद विकट से विकट व बेहद विषम परिस्थितियों के बीच एक क्षण में ही दुश्मन को आश्चर्यचकित करके रणभूमि में धूल...
दुखियों व पीड़ितों का सहारा है यह संस्था
26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया की राजधानी स्कोप्जे शहर में जन्मी मदर टेरेसा ने महज 18 साल उम्र में अपना परिवार छोड़ दिया और अपना जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया था। जब मदर टेरेसा वर्ष 1929 में भारत आईं थी उस समय उनकी उम्र 19 साल थी। मिशनरीज ऑफ़ चैरिटीज...
राष्ट्रपति शासन की संवैधानिक व्यवस्था
राष्ट्रपति शासन से जुड़े प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 356 में दिए गए हैं। आर्टिकल 356 के मुताबिक राष्ट्रपति किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं यदि वे इस बात से संतुष्ट हों कि राज्य सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों के मुताबिक काम नहीं कर...
एशिया: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज थी फातिमा
30 अप्रैल, 1927 को फातिमा बीवी, जो पूर्ववर्ती राज्य त्रवंकोर (अब केरल) के पत्तनम्तिट्टा में अन्नवीतिल मीरा साहिब और खदीजा बीवी के यहां पैदा हुई। फातिमा ने त्रिवेंद्रम लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। दूसरे वर्ष में फातिमा सहित केवल तीन ही लड़कियां रह गयी...