‘‘पूर्ण सतगुरू अपने मुरीदों का साथ कभी नहीं छोड़ता’’
13 मई 1987 :- पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज गांव मोठमाजरा, जिला जींद में सत्संग फरमा रहे थे। एक शंकावादी व्यक्ति ने कहा कि जो व्यक्ति नाम लेकर नियमों को उल्लंघन करता है तो सतगुरू उसे कैसे लेकर जाएगा, क्योंकि उसने अपने सतगुरू का हुक्म तो मा...
अपने आप को जानना सीखें
लोग दुनिया को जानने की बात तो करते हैं, पर स्वयं को नहीं जानते। जानते ही नहीं, बल्कि जानना भी नहीं चाहते। खुद को जानना ही दुनिया की सबसे बड़ी नियामत है। जो खुद को नहीं जानता, वह भला दूसरों को कैसे जानेगा? दूसरों को भी जानने के लिए पहले खुद को जानना आव...
प्यारे सतगुरू जी ने सीआईडी अधिकारियों के भ्रम को किया दूर
वे बाहर के सीआईडी के लोग हैं, असीं हुए अंदर के सीआईडी।’’ वे लोग चकित रह गए कि इनको कैसे मालूम हुआ क्योंकि उनकी बात गोपनीय थी।
सच्चे सतगुुरू जी ने की भक्त की संभाल
उत्तर प्रदेश के एक गांव गेजा से श्री मामराज ने जब पूजनीय शाह मस्ताना जी महाराज से नाम लिया तो उसका जीवन ही बदल गया। सतगुरू जी की याद और दर्शन पाने की तड़प उसे हर समय रहती थी। वह सभी मासिक सत्संगों पर डेरा सच्चा सौदा, सरसा पहुंचने को तैयार रहता। कई बार...
सच्चे सतगुरू जी ने शिष्य को बख्शी नई जिंदगी
मैं लगभग 13-14 साल का था। हमने अभी नया घर बनाया था। घर बनाने के 5 दिन बाद मैं मकान की छत पर पानी से तराई कर रहा था कि अचानक मेरा पैर फिसल गया और मैं छत से 12 फुट की ऊंचाई से पीठ के बल गिर गया। मुझे ऐसा लगा जैसे पूजनीय परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महारा...
‘गुरू के नूरी स्वरूप में करोड़ों सूरजों का प्रकाश हैं’
सतगुरू जी के रूहानी नजारे
प्रेमी रामफल इन्सां सुपुत्र श्री भगत राम आनंद पुरी कॉलोनी, नूरवाना रोड, लुधियाना (पंजाब)। प्रेमी जी अपने सुमिरन अभ्यास के दौरान सतगुरू के प्रत्यक्ष नूरानी दीदार तथा अन्य रूहानी नजारों के बारे में बताते हैं। प्रेमी जी लिखित ...
शहनशाही रहमत : ‘‘नहीं, तू सीधा उनके घर जाना। तू डर मत, हम तेरे साथ हैं। ऐसा कुछ नहीं होगा।’’
गांव लालेआणा(भटिंडा) में एक ऐसा परिवार था जिसका वहां के एक परिवार से काफी मनमुटाव था। इस परिवार का मुखिया हमेशा अपने पास हथियार रखता था। उसने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम दान लिया हुआ था। एक दिन वह पूजनीय परम पिता जी से मिला। उसे देखकर ...
सतगुरु जी की रहमत से भयानक बीमारी हुई ठीक
बहन दविंदर कौर इन्सां पत्नी प्रेमी जसवीर सिंह इन्सां पुत्र प्रेमी जीवन राम इन्सां, निवासी गाँव बनूड़, तहसील राजपुरा, जिला पटियाला (पंजाब) ने स्वयं पर हुए पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन रहमो-करम को इस प्रकार बयान करती है...
पूज्य गुरु जी ने स्वयं प्रकट होकर प्रेमी को भारी मुसीबत से बचाया
प्रेमी गुरचरण सिंह पुत्र कृपाल सिंह गांव काट दुन्ना जिला संगरूर (पंजाब) से सतगुरु की उस पर हुई दया-मेहर का एक करिश्मा इस प्रकार वर्णन करता है:-
27 फरवरी 1995 की सुबह को वह अपने घर में अर्द्ध निंदा की अवस्था में सोया हुआ था। उसे स्वप्न आया कि उसका स्...
सच्चे सतगुरु जी ने सेवादार को सांप से बचाया
‘‘हमनें तो पहले ही कहा था कि भक्त को कहीं सांप न खा जाए। इसलिए तेरे पास आए हैं, तेरा सतगुरू साथ है।’’
एक बार खेतों में दो सेवादारों के साथ पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज जी पैदल दूर तक निकल गए। एक सेवादार ने बाबा जी से कहा कि सांई जी, हम काफी ...