MSG Maha Paropkar Diwas: पूज्य गुरु जी को आगे बुलाकर कुर्सी के पास बैठाकर बख्शा गुरुमंत्र
MSG Maha Paropkar Diwas: ...
संत की सीख
बाबा बोले- सेठ जी, लोभी मनुष्य दूसरों को भी अपने जैसा ही समझता है। मैं एक साधारण भक्त हूं। हीरे-मोती,फल, मिठाई से मुझे कुछ लेना-देना नहीं है। मैं समाज का दुख दूर करने में ही अपना जीवन सार्थक समझता हूं। बस आप लोगों का धन निधर्नों तक पहुंचा देता हूं।
भक्त के रुप में ठग
जो मनुष्य भगवान का भय मानता है उसे वे निर्भय कर देते हैं। वास्तव में वह व्यक्ति बुद्धिमान है, जो भगवान के भय के कारण विषय-विकारों से और अशुभ-वासनाओं से दूर रहता है।