‘‘बेटा, अब इसे दवाई मत खिलाओ। सभी सुमिरन करो, मालिक सब ठीक करेगा।’’
यह बात सन् 1967 की है। मेरी पत्नी प्रकाशी बहुत ही ज्यादा बीमार हो गई। बहुत ईलाज करवाया परंतु आराम नहीं आया। डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन करवाने को कहा। इस पर मुझे ख्याल आया कि क्यों न इस बारे में पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से पूछ लिया जाए। उस समय...
जब सतगुरू जी ने उठाकर ड्यूटी पर भेजा…
मास्टर लीला कृष्ण उर्फ लीलाधर पुत्र श्री पुरूषोत्तम दास नानक नगरी, मोगा (पंजाब) ने बताया कि मैंने बेपरवाह पूजनीय सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज से नाम-दान प्राप्त किया हुआ है और मुझे अपने सतगुरू पर दृढ़ विश्वास है। सन् 1958 की बात है कि मैं राजकीय प्राथ...
…जब सतगुरू जी की रहमत से आश्रम के आगे बनने लगी सड़क
रास्ता संकरा, कच्चा व उबड़-खाबड़ था सत्संगियों को आती कठिनाई
पूजनीय बेपरवाह सांई शाह मस्ताना जी महाराज ने पाखण्डों, वहमों में फंसे लोगों को सच्चा रास्ता दिखाने एवं उनकी आत्मा के कल्याण हेतु सन् 1948 में डेरा सच्चा सौदा आश्रम बनाया। आश्रम का पहले पुर...
जब दर्शन देकर पूज्य पिता जी ने फरमाया-बता हम नजदीक हैं या दूर…
सत् ब्रह्मचारी सेवादार पाल इन्सां, अपने सतगुरू, मुर्शिद-ए-कामिल की अपने ऊपर हुई अपार रहमत का वर्णन इस प्रकार करता है:-
सेवादार पाल इन्सां बताते हैं कि यह बात 1995 की है। उन दिनों पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Saint MSG) ने हिमाच...
प्यारे सतगुरू जी ने बसाया कल्याण नगर
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने इस नगर की स्थापना 1974 में की। इस नगर का नाम कल्याण रखते हुए फरमाया, ‘‘जो कोई इस नगर में रहते हुए अपने प्यारे सतगुरू के वचनों पर अमल कमाएगा, उसका कल्याण हो जाएगा।’’ यहां के नगरवासियों में सेवा का जज्बा भरा हुआ ह...
सच्चे सतगुरु जी ने मौत जैसा भयानक कर्म कंकर में बदला
बहन नीलम इन्सां पत्नी रामफल इन्सां गांव हजवाना ब्लॉक पूंडरी जिला कैथल (हरियाणा) और मौजूदा पता है सुखचैन कॉलोनी, सरसा। बहन नीलम इन्सां पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपने ऊपर हुई अपार रहमत का लिखित में वर्णन इस प्रकार करती हैं :-...
सतगुरू जी ने जीव को बख्शा खुशियों का खजाना
सन् 1957 में नेजिया खेड़ा आश्रम में पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज का सत्संग था। हरि चंद पंजकल्याणा ने पहली बार सत्संग सुना और वहीं नाम-शब्द भी ले लिया। आप जी ने नाम देते समय वचन फरमाए, ‘‘आज से तुम्हारा नया जन्म हो गया। सतगुरू तुम्हारे अंदर बैठ ...
बेटा, बहुत भयानक कर्म था, सूली से सूल हो गया। यह साध-संगत की सेवा का ही फल है।’’
यह बात 10 अक्तूबर, 1988 की है। मैं बिजली बोर्ड में लाईनमैन के पद पर नियुक्त था। मुझे मासिक सत्संग पर आश्रम में जाना था परंतु छुट्टी न मिलने के कारण नहीं जा सका। उसी दिन शाम को मैं सांगला गांव में एक हजार वोल्टेज पर काम कर रहा था। अचानक दुर्घटना हुई औ...
‘‘बेटा, सारा परिवार पेड़ के नीचे छाया में बैठ जाओ, तुमने कोई काम नहीं करना, तुम्हारा घर हम बनवाएंगे।’’
अप्रैल, 1981 की बात है। हम कल्याण नगर में अपना मकान बना रहे थे। लगभग 22 दिन तक काम चलने के बाद भी मकान अधूरा था। इस दौरान पैसे भी खत्म हो चुके थे। सारा परिवार दुविधा में था कि अब मकान कैसे बनेगा? मैंने मिस्त्रियों को काम पर आने के लिए मना कर दिया। मक...
प्यारे सतगुरू जी की रहमत से बच्चे की आंख हुई ठीक
13 मार्च 1993 की बात है। उस समय मेरा लड़का मनदीप सिंह करीब चार वर्ष का था। खेल रहे बच्चों में से किसी बच्चे ने मनदीप की दाई आंख में तीर मार दिया, जिससे बच्चे की आंख का डेला दो फाड़ हो गया। बच्चे को उसी समय दिखना बंद हो गया और मारे दर्द के उसका बुरा हाल...