बाल अधिकारों से खिलवाड़
यह चिंताजनक है कि देश में सख्त बाल कानून की मौजूदगी के बावजूद भी बाल अधिकारों का उलंघन लगातार बढता जा़ रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मुताबिक विगत वर्षों में बाल अधिकारों के उलंघन की 4,202 शिकायतें दर्ज की गयी हैं। इसमें से 1,237 शिकायत...
आत्महत्याओं पर विराम लगाएगा इंग्लैण्ड का मंत्रालय
दुनिया में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृति की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि इंग्लैण्ड में खुदकशी रोकने के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया है। इंग्लैण्ड की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए अलग से मंत्रालय बनाकर आत्महत्या मामलो...
क्रिकेट के ‘दूसरे भगवान’ बनेंगे कोहली?
भारतीय क्रिकेट जगत में ‘भगवान’ माने जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जब अपने कैरियर में पूरे फॉर्म में थे, तब अक्सर सवाल उठता था कि सचिन जिस प्रकार नए-नए कीर्तिमान बनाते हुए पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर रहे हैं, उनके बाद क्या भारतीय क्रिकेट में को...
मध्यप्रदेश की राजनीति में तीसरी ताकत का उभार
परम्परागत रूप से मध्यप्रदेश की राजनीति दो ध्रुवीय रही है। अभी तक यहां की राजनीति में कोई तीसरी ताकत उभर नहीं सकी है।हमेशा की तरह आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस बार यह मुकाब...
अमेरिका: आम नागरिकों के हाथों में हथियार क्यों?
अमेरिका के कैलीफोर्निया में जिस तरह एक व्यक्ति ने एक बार में अचानक गोलियां चलाकर एक पुलिस अधिकारी सहित बारह लोगों को मारा डाला, इस खौफनाक एवं भयावह घटना ने दुनियाभर को आहत किया है, झकझोर दिया है। अमेरिका में दो सप्ताह से भी कम समय के अंदर भीषण एवं भय...
देश में बढती तेजाब की घटनाएं एक संगीन अपराध: जिम्मेवार कौन?
देश में तेजाब की संगीन वारदातों ने जनमानस को झझकोर दिया है कि कुछ बीमार मानसिकता के चंद मुठठी भर दरिदें व अपराधी आज भी निडरता से तेजाब जैसे बर्बर हमले कर रहे हैं माननीय सर्वोच्च न्यायलय द्वारा एंटी रेप विधेयक मे तेजाबी हमला करने वालों को दस साल की सज...
चुनावी प्रक्रिया में नक्सली दखल
नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में 12 नवंबर को होने वाले मतदान के पहले चरण के 4 दिन पहले बड़ी वरदात करके लोकतांत्रिक चुनावी प्रक्रिया में दखल देने की एक बार फिर नाकाम कोशिश की है। इसके पहले 30 अक्टूबर को दंतेवाड़ा में पुलिस व मीडिया टीम पर हमला किया था, जिसमें ...
औपनिवेशिकता की बेड़ियां तोड़ने का वक्त
हवा में रहेगी मेरे ख्याल की खुशबू, ये मुश्ते-खाक फानी (शरीर नश्वर) है, रहे, रहे न रहे। यह शेयर भगत सिंह ने अपनी फांसी के 20 दिन पूर्व यानी 3 मार्च 1931 को अपने छोटे भाई कुलतार सिंह को लिखे एक पत्र में लिखा था। लेकिन, विडंबना है कि देश की आजादी के लि...
उपचुनाव परिणाम भाजपा की उम्मीदों को झटका
गत 3 नवम्बर को हुए कर्नाटक उपचुनावों में भाजपा की उम्मीदों को जबरदस्त झटका लगा है। तीन लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर हुए इन उपचुनावों में कांग्रेस-जेडीएस 4 सीटों पर जबकि भाजपा केवल एक सीट पर विजय पताका लहराने में सफल हो सकी। अगले वर्ष होने जा रहे लो...
त्यौहार, लोग और सुप्रीम कोर्ट
दीवाली में पटाखों पर सुनवाई करना सुप्रीम कोर्ट की एक सराहनीय कदम है। एक समय अंतराल तक ही पटाखे फोड़ना पर्यावरण के सेहत में कम असर पड़ेगा। देश में वायु प्रदूषण को गंभीर समझना जरूरी हो चला है। आज पर्यावरण का बिगड़ता स्वास्थ्य काफी गंभीर समस्या बनती जा र...