ज्योतिबा फुले ने दिखाई सामाजिक बदलाव की राह
महात्मा ज्योतिबा फुले भारत में सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई के अगुवा हैं। अपने विचारों और कार्यों की बदौलत उन्होंने दलित-वंचित समाज को वर्ण-व्यवस्था के भेदभावकारी व शोषणकारी चंगुल से आजादी के लिए निर्णायक संघर्ष का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने देश ...
बस्तों का बोझ कम होने से लौटेगा बचपन
स्कूली बच्चों पर बस्तों का बोझ कम करने की चर्चा कई वर्षों से होती आई है लेकिन अब केन्द्र सरकार ने पाठ्यक्रम का बोझ कम करने का फैसला किया है, जो एक सराहनीय कदम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि पहली और दूसरी के छात्रों को...
जम्मू कश्मीर में अचानक सुनवाई
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव भंग होने के बाद शुरू हुआ सियासी दंगल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अगर सरकार बनाने का दावा करने वाले राजनीतिक दल राज्यपाल और भाजपा पर अलोकतांत्रिक कदम उठाने के आरोप लगा रहे हैं, तो राज्यपाल सत्यपाल मलिक सफाई दे रहे है...
आरबीआई और सरकार: विवाद और समाधान
भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के बीच स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा विवाद फिलहाल सुलझ गया है। इसे अच्छा संकेत इसलिए माना जाना चाहिए कि रिजर्व बैंक वह सर्वोच्च निकाय है,जो देश के बैंकिंग तंत्र को नियंत्रित करता है। ऐसे में अगर किन्हीं मुद्दों पर सरकार के साथ...
मराठा आरक्षण का रास्ता साफ
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने मराठा आरक्षण को मंजूरी दे दी है। अभी ये तय नहीं हुआ है कि मराठाओं को सामाजिक और आर्थिक पिछड़े समाज के तौर पर कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। पिछले दिनो...
मीटू की तरह घरेलू हिंसा पर हो आन्दोलन
स्वतंत्र भारत में यह कैसा समाज बन रहा है, जिसमें करीब एक-तिहाई (Domestic Violence) शादीशुदा महिलाएं पतियों से पिटती हैं। वडोदरा के गैर सरकारी संगठन ‘सहज’ और इक्वल मेजर्स 2030 के एक सर्वे के अनुसार 15 से 49 साल के आयु वर्ग की महिलाओं में से करीब 27 फी...
आजादी पूर्व मीडिया की भूमिका का मूल्यांकन
आजादी की लड़ाई के दौरान दीनबंधु सीएफ एंड्रयूज ने लाला लाजपत राय से आग्रह किया कि वह अपना ध्यान भारत को एक ऐसा दैनिक पत्र देने के लिए केंन्द्रीत करें, जो भारतीय जनमत के लिए वैसा ही करे जैसा कि सीपी स्कॉट के मांचेस्टर गार्डियन ने ब्रिटिश जनमत के लिए किय...
आरक्षित सीटों पर है जीत का दारोमदार
नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में चुनाव के पहले चरण में विधानसभा की कुल 90 में से 18 सीटों पर हुए चुनाव में जिस प्रकार जनता जनार्दन ने नक्सलियों की धमकियों से बेपरवाह होकर 70 फीसदी मतदान किया, उसके लिए वहां की जनता निसंदेह बधाई की पात्र है। 18 सीटों ...
राष्ट्रवाद को सच्चे अर्थों में समझने की जरुरत
वर्तमान दौर में जब राष्ट्रवाद की तुलना फासीवाद से हो रही है तथा राष्ट्रवाद को आधार बनाकर रामचन्द्र गुहा जैसे ख्यातिलब्ध इतिहासकार को भी देशद्रोही बता दिया जा रहा है, तब राष्ट्रवाद की अवधारणा पर विचार करना अति आवश्यक हो जाता है। क्योंकि बगैर राष्ट्रवा...
क्या विपक्ष एकजुट होगा?
भारत की राजनीति आज ऐसी दिखायी दे रही है कि मानो रजनीतिक पार्टियां कह रही हों मेरे साथ रहोगे तो ऐश करोगे। राजनीतिक दलों ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनावों की तैयारी कर दी है। दूसरी ओर इतिहास अपनी पुनरावृति कर रहा है जिस...