बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक बताने की राजनीति
‘अल्पसंख्यक’ का दर्जा मिलने के मामले में जम्मू-कश्मीर का मामला काफी विचित्र और विडम्बनापूर्ण है। वहाँ मुस्लिम समुदाय की संख्या 68.31 प्रतिशत और हिन्दू समुदाय की संख्या मात्र 28.44 प्रतिशत है। लेकिन न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि अब तक की सभी राज्य सरकारो...
तालीबानी राष्ट्र, दुनिया के लिए आफत
राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद अफगानिस्तान क्रूर तालीबानी शासकों के हाथ आ गया है। इसके साथ ही इस देश में भारी तबाही, औरतों पर बंदिशें और मामूली अपराधियों को अंग-भंग कर देने का शासन शुरू हो गया। देश की जनता को तालिबान के रहमोकरम पर छोड़कर भागे राष्ट्रपत...
2024 के लिए पकने लगी विपक्ष की खिचड़ी
विपक्ष 2021 में ही 2024 के आम चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। विपक्ष की अगुवाई फिलवक्त कांग्रेस पार्टी कर रही है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी राजनीतिक सक्रियता देखते ही बन रही है। बंगाल में जीत के बाद दिल्ली में पांच दिन रूक...
लोकतंत्र की छवि प्रभावित
संसद का का मानसून सत्र निराशाजनक रहा है। केंद्र सरकार पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा करने के लिए विपक्ष की मांग के समक्ष नहीं झुकी। उच्चतम न्यायालय इस संबंध में अनेक याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में राजनेताओं, सामाजिक कार्यकतार्ओं, पत्रकार...
पंजशीर के मोर्चें पर फंसा तालीबान
काबुल फतह के डेढ़ सप्ताह के बाद भी तालिबान के खंूखार आतंकी अफगानिस्तान की ऐतिहासिक पंजशीर घाटी तक नहीं पहुंच पाए हैं। हालांकि पिछले दिनों तालिबान ने पंजशीर के शेर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद को चार घंटे के भीतर सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया था। ले...
चीन और तालिबान का गठजोड़
चीन अफगानिस्तान के लोगों का अपने भाग्य और भविष्य का फैसला करने का सम्मान करता है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी यह वक्तव्य इस बात को पुख्ता करता है कि दोनों के बीच कितना याराना है। इतना ही नहीं यह भी बात हो चुकी है कि चीन अफगानिस्तान में तालिबानि...
चिकित्सा शिक्षा में आरक्षण के मायने
पिछड़े वर्ग की लंबे समय से चल रही मांग पर केंद्र सरकार ने विराम लगा दिया। अब राज्य सरकारों के चिकित्सा महाविद्यालयों में भी केंद्रीय कोटे के अतंर्गत आरक्षित 15 प्रतिशत सीटों पर पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 27 और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) छात्रों ...
टीके का अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था की मजबूती
कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था को इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह झटके सहने पड़े। अर्थव्यवस्था की गति अबाधित रहे,इसके लिए टीकाकरण ही एकमात्र रास्ता है। इस वर्ष के बजट में कोविड टीकाकरण अभियान को 35 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। अप्रैल 2020 में लगे बेहद ...
अनाथ हुए बच्चों के लिए सार्थक पहल
कोरोना त्रासदी से मिली पीड़ाओं की फेहरिस्त में माता-पिता के दुनिया से चले जाने के बाद अकेले रह गए बच्चों का दर्द सबसे बढ़कर है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा एक जरूरी औ...
सरकार को संतुलन भरा कदम उठाना ही चाहिए
देश में कोविड-19 की वर्तमान लहर का संक्रमण पहली लहर की तुलना में काफी तेजी से फैला जिससे शासन के हाथ पांव तो फूले ही स्वास्थ्य सुशासन भी हांफता नजर आया। राज्य सरकारें लॉकडाउन और कर्फ्यू की ओर कदम बढ़ाया और कमोबेश ये अभी जारी है। महामारी ने एक बार फिर ...