मेरे लिए नहीं…..मैं खास हूं, तुम कौन?
लगता है हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है और जहां पर हम विशेषाधिकारों के लिए एक संकरी सी आधिकारिक पट्टी पर रह रहे हैं। जहां पर हमारे आम आदमी और खास आदमी के बीच एक गहरी खाई है जिसके चलते लोगों में शासकों के प्रति आक्रोश बढता जा रहा है और जिसके चलते लोग स्वयं भी कानूनों का उल्लंघन करने लगे हैं।