पेड़ों को बचाने में दिल्ली का उदाहरण
इंफा। ज ब पानी सर से ऊपर निकलने लग जाता है तो दिल्ली की जनता लोक हित के मुद्दों पर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करने लग जाती है। वर्ष 2011 में मनमोहन सिंह सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली ने गांधीवादी अन्ना हजारे का साथ दिया जो वर्षों तक स्था...
सरबजीत घटना पर क्यों चढ़ रहा राजनीतिक रंग
रविवार ग्रामीण सेवा का चालक सरबजीत मुखर्जी नगर से गुजर रहा था तभी पुलिस की इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल से उसकी गाड़ी टकरा गई जिस पर दोनों पक्षों के बीच बहस हो गई। पुलिसकर्मियों का आरोप है कि चालक ने कृपाण से हमला किया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बीच सड़क ...
प्रदूषण बना साइलेंट किल्लर, अब तो जागिये सरकार
दुनिया में भारत ऐसा एक देश बन गया है जहां वायु प्रदूषण के कारण सबसे अधिक मौत हो रही हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि देश की बड़ी पार्टियों हो या छोटे क्षेत्रीय दल दोने ही वायु प्रदूषण मुद्दे पर किसी ने कोई बात नहीं की, किसी भी राजनीतिक पार्टी ने चुनाव...
बच्चों का विकास, हमारा दायित्व
दुनिया की तमाम प्रकार की रचनात्मक गतिविधियों की ऐतिहासिक, यादगार और आशातीत सफलता के पीछे जितनी बच्चों की भागीदारी है उसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। ये बच्चे न होते तो हमारे कोई से आयोजन सफल नहीं हो पाते। साल भर में जाने कितने दिवस, पखवाड़े, सप्ता...
अब जरूरत है, हर दिन मने पृथ्वी दिवस
तमाम तरह की सुख-सुविधाएं और संसाधन जुटाने के लिए किए जाने वाले मानवीय क्रियाकलापों के कारण आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की भयावह समस्या से त्रस्त है। इसीलिए पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने तथा पृथ्वी को बचाने के संकल्प के साथ ...
आविष्कार से निकलेगी नई राह
भारत को अगर वैश्विक परिदृश्य पर अपनी अलग पहचान बनानी है, और चीन का विकल्प बनना है। तो उसके समानांतर एक दूसरी रेखा खींचने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। करना यह होगा कि भारतीय ज्ञान परम्परा और शोध को महत्व देने की दिशा में बढ़ें। देश की श्रम शक्ति को व्यापक स्तर पर प्रशिक्षित कर उन्हें कुशल बनाना होगा। शोध का दायरा बढ़ाना होगा।
कश्मीरी आवाम के लिए भस्मासुर बन चुके हैं ‘हुर्रियत अलगाववादी’!
जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों से चल रही हलचल पर हर भारतीय दुखी हुआ होगा। आखिर कौन चाहता है कि उसके अपने ही भाई, उसके अपने हमकदम भारतीय लगातार कई महीनों तक कर्फ्यू से परेशान रहें, दुखी होते रहें! बड़ा आसान है कह देना कि इन समस्याओं के लिए भारत की सरकार ...
प्रेरणास्त्रोत: कर्ण की नैतिकता
दूसरा अनैतिक तरह से विजय प्राप्त करना मेरे संस्कारों में नहीं है।
यदि मैं अर्जुन को हराने में सफलता प्राप्त करूंगा तो नैतिक प्रयत्नों से, अनैतिक तरह से नहीं।
Health : स्वास्थ्य पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का हमला
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खाद्य पदार्थ एवं डिब्बाबन्द उत्पादों के सेहत (Health) पर पड़ने वाले घातक प्रभावों पर दशकों से विमर्श होता रहा है, लेकिन जैसे-जैसे मर्ज की दवा की रोग बढ़ता गया, वाली स्थिति देखने को मिल रही है। अब जाकर विभिन्न शोधों के निष्कर्षो...
क्या पार्टी में बदलाव की लहर चलेगी?
सोनिया पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं। उनकी उम्र बढ रही है। राहुल अनिश्चित नेता हैं जिनमें विश्वसनीता का अभाव है और प्रियंका के साथ वाड्रा उपनाम जुडा हुआ है। वस्तुत: कांग्रेसी नेता गुपचुप रूप से सोनिया के इरादों पर हर कीमत पर अपने बेटे को बचाने की नीति...