नहीं बदलेगा नेपाल पुराना मानचित्र
नेपाल की कैबिनेट ने 18 मई 2020 को एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी देकर भारत से विवाद गहरा देने का नया रास्ता खोल दिया था। लेकिन जब नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार संसद के सदन में नए मानचित्र के साथ संघीय संसद के नए लोगो का प्रस्ताव लाने की तैयारी में...
लोकतंत्र की मजबूती में प्रेस की भूमिका
वहीं अब दो पायदान और नीचे खिसककर 140वें पायदान पर पहुंच गया है।
निसंदेह प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में यह गिरावट स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
हांगकांग विवाद में अमेरिकी फांस
हांगकांग की स्वायत्तता संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के विरूद्ध एक ओर मोर्चा खोल दिया है। हांगकांग ऑटोनोमी ऐक्ट के नाम से लाया गया यह विधेयक इस महीने के आरंभ में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित किया गया था। ट्रंप...
चुनावी शोर में गुम होते वामपंथी दल
देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। देश में तीसरे चरण के मतदान के लिये वोट डाले जा चुके हैं। (lok-sabha-election-16) हर जगह चुनाव का शोर हो रहा है। ऐसे में देश की राजनीति में कभी प्रमुख भूमिका निभाने वाले वामपंथी दलो की नगण्य उपस्थिति लोगों ...
क्या उच्च शिक्षा में होगा सुधार?
देश में उच्च शिक्षा में सुधार के बारे में व्यापक बहस चल रही है। शिक्षाविद्, बुद्धिजीवी और अन्य विशेषज्ञों ने शिक्षा के स्तर के बारे में चिंता व्यक्त की है और उसमें बदलाव की मांग की है। हमारे देश में शिक्षा प्रणाली में निश्चित रूप से बदलाव की आवश्यकता...
लोकतंत्र की छवि प्रभावित
संसद का का मानसून सत्र निराशाजनक रहा है। केंद्र सरकार पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा करने के लिए विपक्ष की मांग के समक्ष नहीं झुकी। उच्चतम न्यायालय इस संबंध में अनेक याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में राजनेताओं, सामाजिक कार्यकतार्ओं, पत्रकार...
कब तक बोरवैल में दफन होते रहेंगे मासूम?
उत्तर प्रदेश के फरूर्खाबाद जिले में कमालगंज क्षेत्र के गांव रशीदापुर में 3 अप्रैल को दोपहर करीब ढ़ाई बजे एक और बच्ची सीमा 60 फुट गहरे बोरवैल में गिरकर 26 फुट की गहराई पर फंस गई थी, जिसे सेना के आॅपरेशन असीम के बावजूद बचाया नहीं जा सका। हालांकि सेना के...
बिहार में राजनीतिक दलों ने महिलाओं को किया नजरअंदाज
बिहार में महिला सशक्तीकरण और राजनीति में उनकी सहभागिता बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े दावे करने वाले राजनीतिक दलों ने इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें नजरअंदाज किया है। विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की पुरजोर वकालत करने वाले राजनीतिक दलों ने भी महिला...
भीष्म साहनी को कोई कैसे भुला सकता है?
प्रगतिशील और प्रतिबद्ध कथाकार, नाटककार भीष्म साहनी की आज 103वी जयंती है। वे इतने बड़े रचनाकार हैं कि उनको बार-बार, लगातार याद किया जाना बेहद जरूरी है। भीष्म जी की रचनाशीलता मुख्तसर नहीं है, बल्कि इसका दायरा काफी लंबा है। उपन्यास, कहानियां, नाटक, आत्मक...
भाषा की मर्यादा खोते राजनेता…
मानते हैं हमारे संविधान का अनुच्छेद- 19 हमें और हमारे नेताओं को बोलने है की आजादी प्रदान करता है, लेकिन हमें क्या बोलना यह हमारे संस्कार तय करते हैं। साथ ही साथ संविधान का अनुच्छेद- 19(2) हमें कितना और किसके लिए किस लहजे में बोलना यह भी बताता है। फिर...