हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली…
देशवासियों को ‘‘इंकलाब जिन्दाबाद’’ और ‘‘साम्राज्यवाद मुदार्बाद’’ का क्रांतिकारी नारा दे, जंग-ए-आजादी में निर्णायक मोड़ देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज 88वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 23 मार्च, 1931 को बरतानिया हुकूमत ने सरकार के खिलाफ क्रांति का ...
जीवन आनंद में डूबने का अवसर है होली का पर्व
होली का नाम सुनते ही रोम रोम प्रफुल्लित हो उठता है। होली का मतलब ही है- नया उत्साह, नया सृजन, पवित्रता। सब एक हो कर रहे, सब प्रेम के रंग में डूबे रहे यही उद्देश्य है होली का। रंग केवल हमारे बाहरी आवरण को ही नहीं बदलते हैं बल्कि ये रंग हमारी जिंदगी को...
पुल हादसों से मौत का जिम्मेदार कौन?
गत दिवस मौत ने खुलेआम फिर से तांडव किया जिसमें मुम्बई फुटओवर ब्रिज हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई व 40 घायल हो गए। ऐसी खबरें अब हमें बहुत अटपटी नही लगती क्योंकि शासन-प्रशासन की लापरवाही से इस तरह की घटनाओं के हम आदि हो चुके हैं। यह पुल दक्षिण मुंबई क...
‘सबको बिजली’ का पूरा होता सपना
देश के हरेक घर को बिजली के जरिए रोशन करने का स्वप्न अब हकीकत का स्वरुप लेता दिख रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देश के 99.92 फीसद परिवारों को बिजली की अत्याधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा चुका है। अब केवल नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के 19, 836 परिवारों...
अधिकतम मतदान के आह्वान का शंखनाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकतम मतदान की जरूरत पर बल देते हुए विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोगों एवं विभिन्न दलों के राजनेताओं से वोट के लिए जागरूकता बढ़ाने का जो आग्रह किया है, वह सुदृढ़ लोकतंत्र के लिये जरूरी है, उसका कुछ न कुछ असर दिखना ही चाह...
मानसिक रोगियों की बढ़ती संख्या: अवसाद में देश
देश में लोग मानसिक बीमारियों के बारे में ज्यादा बात नहीं करते हैं। एक आम धारणा ये है कि अगर किसी को कोई मानसिक बीमारी है तो ऐसा जरूर उसकी गलतियों की वजह से हुआ होगा। देश में मानसिक रोगियों का इलाज कराने की जगह लोग उन्हें ताने मारते हैं और उनका मजाक उ...
विश्व समाचार: पुलवामा त्रासदी से उठे प्रश्न?
पुलवामा आतंकवादी हमला और उसके बाद सेना द्वारा की गयी आतंकवाद रोधी कार्यवाही गरमागरम बहस के मुद्दे बने हुए हैं। अति राष्ट्रवादी मीडिया विशेषकर टेलीविजन मीड़िया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है और आप टीवी स्टूडियों में आमंत्रित श्रौताओं के मुंह से वंदे मातरम...
चीन के आर्थिक हितों पर प्रहार करने की जरूरत
चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने के प्रस्ताव को संरासंघ की सुरक्षा परिषद में वीटो कर दिया। यह कोई अप्रत्याशित नहीं था, सामरिक व आर्थिक हितों के नजरिये से चीन को पाक की जरूरत है। उसने चौथी बार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अं...
नकली दवाओं का फलता-फूलता धंधा
दुनियाभर में फैला नकली दवाओं का जाल बच्चों की सेहत के लिए संकट बनता जा रहा है। एक शोध में सामने आया है कि मलेरिया, निमोनिया व अन्य बीमारियों के इलाज के नाम पर बिक रही नकली व निर्धारित मानक से निम्न स्तर की दवाओं से हर साल हजारों बच्चे अपनी जान गंवा र...
नोटबंदी से आखिर क्या हासिल हुआ?
नोटबंदी को दो साल से ज्यादा होने को आए, लेकिन उससे जुड़ी आश्चर्यजनक बातें एक के बाद एक सामने निकलकर आ रही हैं। ताजा खुलासा रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने किया है। नोटबंदी को लेकर आरबीआई ने सरकार को साफ तौर पर आगाह किया था कि नोटबंदी से कालेधन पर कोई ठोस अस...
मतदान के प्रति जागरुक हों मतदाता
विश्व के सभी देशों में उसके नागरिकों के मन में अपने देश के प्रति असीम प्यार की भावना समाहित रहती है। यही भावना उस देश की मतबूती का आधार भी होती है। जिस देश में यह भाव समाप्त हो जाता है, उसके बारे कहा जा सकता है कि वह देश या तो मृत प्राय: है या समाप्त...
पुन: आतंकवाद और मसूद अजहर पर चीन का दोहरा रवैया
पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पुलवामा आतंकी हमलों के मास्टर (China's double attitude on terrorism and Masood Azhar) माइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में चीन ने...
चुनावी सर्वे में एनडीए बहुमत से दूर मगर सत्ता के पास
आगामी लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को मिलेगा लोकतंत्र का ताज इसे लेकर न्यूज चैनलों पर घमासान शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही टीवी न्यूज चैनलों पर ओपिनियन पोल का जलवा शुरू हो गया है। देश की कई जानी मानीं सर्वे एजेंसियों ने न्...
साबरमती से प्रियंका ने उठाए वाजिब सवाल
यगुजरात के साबरमती आश्रम में हुई कांग्रेस कार्य समिति की मीटिंग में कांग्रेस में एक नयी उम्मीद दिखी। पार्टी ने गांधी को याद करते हुए नया संकल्प लिया। सम्मेलन की खास वजह प्रियंका गांधी रही जिन्होंने नयी जिम्मेदारी मिलने के बाद सधे हुए अंदाज में जमींनी...
महिलाओं का विकास महज बातें क्यों?
हर वर्ष की तरह इस बार भी महिला दिवस गुजर गया। महिला दिवस के दिन देश भर में महिलाओं के नाम की धूम रही। हर जगह महिला उत्थान की बातेंं होती रही। सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर महिलाओं के लिये देश भर में हर जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। केन्द्र व राज्य...