महाराष्ट्र में विचित्र सियासी गठबंधन
झूठ और धोखे के इस खेल में भाजपा, राकांपा, शिव सेना और कांग्रेस ने
आज के भारत के सच को उजागर किया है कि सत्ता ही सब कुछ है।
आप यह भी कह सकते हैं कि यही लोकतंत्र है
किसानों की सुध लेने की जरूरत
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कृषि और कृषकों की दशा में सुधार के बिना देश का विकास संभव नहीं है।
अगर इसी तरह किसानों का कृषि क्षेत्र से पलायन होता रहा
टेलीकॉम सेक्टर: गहराता संकट और संभावनाएं
एक निश्चित अंतराल में अपनी देनदारियों को अदा कर सकें।
यदि किसी कारण बस इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा कम होती है
तो निश्चित तौर पर नुक्सान आम आदमी का होने वाला है।
जेएनयू: शिक्षा की आड़ में पनप रही देशविरोधी संस्कृति
जेएनयू छात्रों ने हिस्सा लिया।
इसके अलावा, इन तत्वों ने 2010 में दंतेवाडा में सीआरपीएफ के 74 जवानों की हत्या पर जश्न भी मनाया था।
कानून और व्यवस्था का टकराव: तूं कौन, मैं ख्वामख्वाह?
जनता कानून और व्यवस्था के स्तंभों से उत्तरदायित्व और जवाबदेही की मांग कर रही है।
हमारा लक्ष्य कानून का शासन लागू करना और राज्य का इकबाल बनाए रखना होना चाहिए।
सर्वोच्च निर्णय के बावजूद सियासत जारी
सूक्ष्म अध्ययन के बाद ही निर्णय को लिखा है।
निर्णय आने के बाद देशभर से इसकी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं सुनने, देखने और पढ़ने को मिली।
लोकतंत्र की मजबूती में प्रेस की भूमिका
वहीं अब दो पायदान और नीचे खिसककर 140वें पायदान पर पहुंच गया है।
निसंदेह प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में यह गिरावट स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
आरटीआई के दायरे में मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर
कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
सूचना के अधिकार कानून के तहत लाने वाला फैसला एक जरूरी संदेश भी दे रहा है
महाराष्ट्र की हलचल से प्रभावित होगी गठबंधन की राजनीति
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन में जो कुछ हुआ उसे सारे देश ने देखा। शिवसेना को कुर्सी की चाहत और महत्वाकांक्षा के चलते गठबंधन तार-तार हो गया। जबकि लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने मिलकर अच्छी खासी सीटें बटोरी थी। दोनों दल पिछले ...
ब्रिक्स: आपसी हितों का प्रभावी मंच
वैश्विक स्तर पर वित्तीय मामलों में परामर्श देने वाली संस्था गोल्डमैन शश के प्रमुख कार्यकारी निदेशक जिम-ओ-नील ने 2001 में अपने एक लेख में लिखा था कि ब्राजील, रूस, भारत और चीन (बीआरआईसी) की अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत होगी कि साल 2050 तक यह देश दुनिया के आ...