बौद्धिक संपदा और एकाधिकार की लड़ाई के बीच भारत
मनुष्य अपनी बुद्धि से नई-नई खोजें और नई-नई रचना रचनाओं को जन्म देता है और उन विशेष खोजों पर उसका पूरा हक भी है, लेकिन उसके अधिकार का संरक्षण हमेशा से चिंता का विषय रहा है। यहीं से बौद्धिक संपदा और बौद्धिक संपदा अधिकार की बहस शुरू होती है। हम जो भी अप...
बचपन का सबसे बड़ा दुश्मन है बाल मजदूरी
अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 1 जून को मनाया जाता है। यह दिवस सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय उत्सव है जो 1950 से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य विश्व के 2.5 अरब से अधिक बच्चों के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने की आवश्यकता की ओर लोगों का ...
नई सरकार की शुरूआत सही दिशा में
देश में नरेन्द्र मोदी सरकार की दूसरी पारी की विधिवत शुरूआत हो गई है। उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के 57 सदस्यों ने भी शपथ ली और उनको जिम्मेदारियों एवं दायित्वों से भी बांध दिया गया है। अमित शाह गृह मंत्रालय स...
जातिवाद नामक जहर ने ली फिर से एक जान
जातिगत माहौल में किसी पार्टी का प्रचंड बहुमत आना इस बात का संकेत है कि जनता ने इस बार वोट जात पात से उठकर किया है जो मजबूत लोकतंत्र की छवि पेश करती है। कई लोगों का मानना है कि देश से जातिगत भेदभाव खत्म हो गए हैं, बढ़ती साक्षरता दर से जाती भेदवाद कम हो...
धीमे-धीमे दम घोंटता है धूम्रपान
वैसे तो हम सब बचपन से ही पढ़ते-सुनते आए हैं कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है और शरीर में कैंसर तथा कई अन्य बीमारियों को जन्म देता है लेकिन इसको जानने-समझने के बाद भी जब हम अपने आस-पास किशोरवय बच्चों को भी धूम्रपान करते देखते हैं तो स्थिति...
पत्रकारिता की प्राथमिकता को टटोलने का समय
‘हिंदुस्थानियों के हित के हेत’ इस उद्देश्य के साथ 30 मई, 1826 को भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी जाती है। पत्रकारिता के अधिष्ठाता देवर्षि नारद के जयंती प्रसंग पर हिंदी के पहले समाचार-पत्र ‘उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन होता है। सुअवसर पर हिंदी पत्रक...
जातिवाद से आजाद होता देश का लोकतंत्र
2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम कई मायनों में ऐतिहासिक रहे। इस बार के चुनावों की खास बात यह थी कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव परिणामों पर देश ही नहीं दुनिया भर की नजरें टिकी थीं और इन चुनावों के परिणामों ने विश्व में जो आधुनिक भारत की नई छवि बन र...
बेरोजगारी: विस्फोटक स्थिति की ओर देश
भारत विकासशील के साथ युवाओं का देश है जिनकी आबादी के आधे से ज्यादा लोग युवा के गिनती में आते हैं। युवा ही ऐसे ताकत होते हैं,जो देश के विकास में अहम भागीदारी निभाते हैं। देश में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि युवाओं के दम पर ही देश को विकसित बनाया जा स...
आर्थिक तंगी में आत्महत्याओं की त्रासदी
आम आदमी के लिये इन दिनों परिवार का भरण-पोषणआम आदमी के लिये इन दिनों परिवार का भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा, विवाह आदि मूलभूत जरूरतों का पूर्ति कर पाना जटिल होता जा रहा है। विशेषत: शहरी जीवन में ये जरूरतें कुछ ज्यादा ही त्रासद रूप में सामने आ रही हैं, ए...
क्या महंगाई कम भी होती है…
एक बार फिर डीजल और पेट्रोल के दाम में वृद्धि हुई है। वहीं सब्जियों और अन्य चीजों के दामों में भी वृद्धि देखी जा रही है। लेकिन क्या एक बार महंगाई बढ़ जाने के बाद कम भी होती है। निश्चिततौर पर यह कई चीजों पर निर्भर करता है। दरअसल, प्रत्येक देश की सरकार क...
नगा उग्रवाद के वापसी के संकेत
मूमन शांत कहे जाने वाले पूर्वोत्तर राज्य अरूणाचल प्रदेश में नगा गुटों ने अपनी वापसी के संकेत देकर फिजा की रंगत में जहर घोलने का काम कर दिया है। नगा आतंकवादियों ने सरेआम एक विधायक की हत्या कर राज्य और केंद्र की हुकूमत को संदेश दिया है कि उनकी आदमगी खत...
हिमालय में ग्लेशियर के पिघलने से जुड़े खतरे
वर्तमान समय में पर्यावरण के समक्ष तरह-तरह की चुनौतियां गंभीर चिन्ता का विषय बनी हुई हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल कर समुद्र का जलस्तर तीव्रगति से बढ़ा रहे हैं। जिससे समुद्र किनारे बसे अनेक नगरों एवं महानगरों के डूबने का खतरा मंड...
एक बहस वाया गांधी बनाम गोडसे
हलांकि इस बार समय चुनावी था, फिर भी प्रज्ञा ठाकुर का बयान, गोडसे को प्रतिष्ठित करने की एक और कोशिश तो थी ही। गोडसे एक प्रतीक है, सांप्रदायिक कट्टरता का। क्या सांपद्रायिक कट्टरता के रास्ते पर चलकर भारतीयता के मौलिक विचार को समृद्ध करना संभव है। हिंदूव...
राजस्थान में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव हारे
लोकसभा चुनाव में राजस्थान में भाजपा ने सभी 25 सीट जीत कर एक नया इतिहास बना दिया है। 2014 में भी भाजपा ने राजस्थान में सभी 25 सीटे जीती थी। ऐसे में राजस्थान में लगातार दूसरी बार सभी सीटे जीत कर भाजपा ने एक रिकार्ड बनाया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में ...
‘नरेन्द्र मोदी’ : नाम का जादू बरकरार
इस बार के लोकसभा चुनाव परिणामों में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी के नाम का डंका बजा है। जहां सत्ता पक्ष ने तो मोदी के नाम पर वोट मांगे ही थे, वहीं विरोधी दलों ने भी किसी न किसी रुप में मोदी का नाम लेकर ही वोट मांगे। हालांकि विपक्षी दलों ने मोदी का नाम जै...