सीएए जैसे उपद्रवी मसलों पर न बनें फिल्में
मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि मैं ऐसा करूं जिसमें जादुई छुअन हो। अपने काम के साथ न्याय कर सकूं।
आजकल आइटम गाना फिल्म का जरुरी हिस्सा बन गया है।
प्रेरणास्त्रोत: स्वामी का उपदेश
मुक्ति का अर्थ है संपूर्ण स्वाधीनता शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के बंधनों से छुटकारा पा जाना। इसे समझना जरा कठित है।
लोहे की जंजीर भी एक जंजीर है और सोने की जंजीर भी एक जंजीर ही है।
कोटा में बच्चों की मौत से जुड़े सवाल
वैसे भी नवजात बच्चों की मृत्यु के मामले में भारत की स्थिति बहुत चिंताजनक है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में बाल मृत्यु-दर की स्थिति भयावह है।
2015 में 2.5 करोड़ बच्चों ने जन्म लिया था
प्रेरणास्रोत : एक अंग्रेज ने कहा
एक दिन महात्मा बुद्ध घने जंगल में होकर कहीं जा रहे थे। दूर से अंगुलिमार ने उन्हें देख लिया। वह आनन-फानन में जा पहुँचा, उनके पास आकर बोला, ‘‘साधु, जो कुछ भी तुम्हारे पास हो, उसे निकाल दो अन्यथा तुम्हारी जान की खैर नहीं।’’
हिन्दू शरणार्थियों के नरकीय जीवन के दोषी कौन?
हम लगभग 73 साल इन भेड़ियों के बीच कैसे रहे हैं, हम किस प्रकार के उत्पीड़न झेले हैं, हम किस प्रकार से प्रताड़ित हुए हैं, हमारे लाखों भाई-बहनों को किस प्रकार से अपने धर्म से विमुख होने के लिए मजबूर किया गया, अपने धर्म से विमुख होने से इनकार करने पर किस तरह से अंग-भंग किया गया, अस्मिता लूटी गयी
प्रेरणास्त्रोत : चीन का राजा
वो अपना दु:ख लिखकर दूसरे दिन संत के पास पहुँचा। उसने अपने दु:ख का कागज, संत को दिया। संत के पास लोग अपने-अपने दु:खों के लिखे हुए कई कागज छोड़ गये थे। संत ने उस व्यक्ति से कहा, तुम अपना कागज रखकर कोई दूसरा कागज, जिसमें ‘‘दु:ख’’ कम हो, वो अपने साथ ले जाओ। उसने कई कागज पढ़ें पर उसे किसी का भी दु:ख समझ में नहीं आया।
बेनजीता रही मेड्रिड जलवायु वार्ता
आइपीसीसी के आंकलन के मुताबिक 21 सवीं सदी में पृथ्वी की सतह के औसत तापमान में 1.1 से 2.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने की आशंका है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने वायु में मौजूद आॅक्सीजन और कार्बन डाईआॅक्साइड के अनुपात पर एक शोध में पाया है
प्रेरणास्त्रोत: गुरु नानक की करुणा
सेठ ने आश्चर्य का पार न रहा। हाथ जोड़कर बोला- ‘‘गुरुदेव! आप क्या कह रहे हैं?
परलोक में तो मनुष्य कुछ भी नहीं ले जा सकता। सब यहीं का यहीं धरा रह जाता है।’’
जश्न किसका और क्या, आगे की राह कठिन
-हमारे देश में सब कुछ राजनीति से शुरू होकर राजनीति पर खत्म होता है और देशवासी असहिष्णुता और अपराधीकरण के बढते प्रहारों को सह रहे हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के बारे में राजनीतिक आक्रोश तथा गुस्साई जनता को ध्यान में रखते...
प्रेरणास्त्रोत: कर्ण की नैतिकता
दूसरा अनैतिक तरह से विजय प्राप्त करना मेरे संस्कारों में नहीं है।
यदि मैं अर्जुन को हराने में सफलता प्राप्त करूंगा तो नैतिक प्रयत्नों से, अनैतिक तरह से नहीं।