प्रेरणास्त्रोत: सफल वही होता है जो लक्ष्य पर अडिग रहता है!
राजा के इस निर्णय से राज्य के प्रधानमंत्री ने रोष जताते हुए राजा से कहा, ‘महाराज, आपसे मिलने तो बहुत से लोग आएंगे और यदि सभी को उनका भाग देंगे तो राज्य के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। ऐसा अव्यावहारिक काम न करें।’
सशक्तिकरण में युवाओं की भूमिका
उसे स्व्यं से प्रश्न करना होगा कि भारतीय खेती और खेतिहर की आज दुर्दशा क्यों है ? उसे मंथन करना होगा कि यदि खेती सचमुच घाटे का सौदा है, तो फिर कई कंपनियां खेती के काम में क्यों उतर रही हैं ? कमी हमारी खेती में है या विपणन व्यवस्था में ? ऊंची पसंद वाले देसी, जैविक और हर्बल को अन्य से उत्तम समझ रहे हैं।
प्रेरणास्त्रोत: जिंदगी बीत जाती है, अपनों को अपना बनाने में
वह उसे घर पर ही छोड़ कर दुकान लौट आया। चाचा ने पूछा, हार नहीं लाए? उसने कहा, वह तो नकली था। चाचा ने कहा- जब तुम पहली बार हार लेकर आये थे, तब मैं उसे नकली बता देता तो तुम सोचते कि आज हम पर बुरा वक्त आया तो चाचाजी हमारी चीज? को भी नकली बताने लगे।
प्रेरणास्त्रोत : दो चीटियों की बात
गुरु ने कहा- ऐसे व्यक्ति की अपनी सोच के अनुसार होता है। जो व्यक्ति जिस तरह का होता है, उसे सभी वैसे ही दिखाई देते है। फिर उन्होंने शिष्य को एक कहानी सुनाई। एक पर्वत पर दो चीटियाँ रहती थी। एक चींटी के पास शक्कर की खान थी और दुसरी चींटी के पास नमक की खान थी।
लैंगिक भेदभाव को मिटाने की चुनौती
स्त्रियों के अधिकार के प्रति हमारा समाज अब उतना रूढ़ नहीं रहा, जितना कछेक दशक पूर्व था। कुछ समस्याओं को छोड़ दें तो आज महिलाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं। स्त्री-शिक्षा के व्यापक प्रसार ने स्त्रियों को अपने व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के समुचित अवसर प्रदान किया है और उन्हें रूढ़िवादी विचारों से काफी सीमा तक मुक्त भी किया है।
प्रेरणास्त्रोत: लोभ से विनाश
सूचना मिलने पर राजा पहुँचा और पुत्र का शव देखकर विलाप करने लगा। तभी वहाँ पहुँचे एक ऋषि ने स्मरण कराया अब कुछ होने का नहीं है। पुत्र की कामना का लोभ उत्तम था। वह लोभ होकर भी लोभ से परे था। तुमने उसमें अप्राकृतिक विधान जोड़ा और ऐसा विलक्षण पुत्र पाया जिसकी रक्षा कठिन हो गई।
प्रेरणास्त्रोत: श्रेष्ठता की कसौटी
अरबपति अपने घर में घुस गया और वहां व्यस्त हो गया और गरीब आदमी को भूल गया। सुबह उसे उस गरीब बूढ़े व्यक्ति की याद आई और वह उसे खोजने निकला लेकिन ठंड के कारण उसे मृत पाया, लेकिन उसने एक चिट्ठी छोड़ी थी, जिसमे लिखा था कि, "जब मेरे पास कोई गर्म कपड़े नहीं थे, तो मेरे पास ठंड से लड़ने की मानसिक शक्ति थी।
यह केवल एक जान है बेवकूफ!
इस संबंध में मंत्रियों के सम्मेलन और केन्द्र से निदेर्शों से काम नहीं चलेगा। लोग अब इन घिसी-पिटी बातों से ऊब गए हैं कि: घबराने की जरूरत नहीं। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और स्थिति में सुधार हो रहा है।
प्रेरणास्त्रोत: एक ब्राह्मण की कथा
जिस धन के लिए मैंने जीतोड़ परिश्रम किया वह न तो धर्म-कर्म में लगा और न मेरे सुख भोग के काम ही आया। इस संसार सागर से पार होने के लिए वैराग्य एक नौका के समान है। अब मैं शेष बची हुई आयु से आत्म-लाभ लेकर अपना कल्याण करूँगा। वह ब्राह्मण मौनी-सन्यासी हो गया, वह अपना मन वश में करके पृथ्वी पर स्वतन्त्रता से विचरण करने लगा।
खतरनाक मोड़ पर मध्य-पूर्व का संकट
जहां एक ओर सऊदी अरब और इजरायल अमेरिका का साथ देगे वहीं ईरान के साथ सीरिया, यमन और लेबनान मोर्चें पर आ डटेंगे।
आशंका यह भी है कि युद्ध के दौरान ईरान और उसके समर्थित संगठन अमेरिका और इजरायल के खिलाफ बड़े हमले कर सकते हैं।