धुंध भी हटेगी और धूप भी खिलेगी
अहंकार से परेशान लोगों की बहुत बड़ी दुनिया है, जहां दूसरों के अहंकार से परेशान लोग कम हैं और खुद के अहंकार से परेशान ज्यादा। सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमें दूसरों का अहं तो दिखता है, लेकिन अपना नहीं। अपने भीतर का अहंकार देखे और अहंकारमुक्त होने का प्रय...
आस्ट्रेलिया की आग से सबक लेगी दुनिया?
वैश्विक ऊष्मण, बाढ़, सूखा जैसी समस्याएं वनों के ह्रास के कारण ही उत्पन्न हुई हैं।
मजे की बात यह है कि इसका समाधान भी पौधारोपण में ही छिपा है।
प्रेरणास्त्रोत : जापान में भारतीय
किसी देश का नागरिक होना उस देश की प्रतिष्ठा से स्वयं को जोड़ना भी होता है और जापानी नागरिक राष्ट्रवाद के सबसे अच्छे उदाहरण माने जाते हैं। एक भारतीय, सपरिवार जापान की राजधानी टोक्यो के एक होेटल में ठहरा। जब वे बाजार गए तो उन्हें वहाँ आकर्षक जूते दिखाई ...
प्रेरणास्त्रोत : धन के साथ धर्म
आप धन से मोहब्बत न करें, इसका मतलब यह नहीं है कि आप धन न कमाएँ या धन को एकत्रित न करें। अवश्य कमाइये और अवश्य जमा करिये। इस बात के लिए तो वेदों ने भी मना नहीं किया है फिर हम मना क्यों करें? धन कमाओ जीवन को चलाओ। पर धन को खर्च करते समय केवल...
परेशानी का सबब बने टिड्डी दल
टिड्डी नया या आधुनिक कीट नहीं है। ईसा के समय में भी इस प्रवासी कीट के होने के प्रमाण मिलते हैं। 1422 ई. से 1411 ईसा पूर्व होरेमबए प्राचीन मिस्र के कब्र कक्ष में टिड्डी का उल्लेख मिलता है। प्राचीन मिस्रियों ने 2470 से 2220 ईसा पूर्व की अवधि में कब्रों...
प्रेरणास्त्रोत : राजा भोज की उदारता
मार्ग में भूख लगने पर जब मैं खाने लगा, तभी एक कुतिया मेरे निकट आकर बैठ गई। स्पष्ट था कि वह भूखी थी। दया भाव से मैंने उसके सामने रोटी फेंक दी, जिसे वह कुतिया चट-पट खा गई।
सरकारी चुप्पी ले रही बेरोजगार युवाओं की जान!
जो समय के अनुरूप होता नजर आता नहीं। पूर्ण बहुमत की सरकार के अपवाद भी हैं। कुछ राज्य ऐसे भी हैं। जहां पर पूरा एक दशक से अधिक समय बीत गए एक ही सरकार के सत्ता में रहने के।
गांधी जी का उपाय
कोलकत्ता में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़के हुए थे। तमाम प्रयासों के बावजूद लोग शांत नहीं हो रहे थे। ऐसी स्थिति में गांधी जी (Gandhiji) वहां पहुंचे और एक मुस्लिम मित्र के यहां ठहरे। उनके पहुचने से दंगा कुछ शांत हुआ लेकिन कुछ ही दिनों में फिर से आग भड़क उठी।...
खुद से हारेगी दिल्ली में भाजपा ?
दिल्ली की झुग्गी झौपड़ियां और दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाली आबादी के सबंध में इनकी जानकारी ही नहीं है, ये सिर्फ मीडिया में ही धमाल मचा पाते हैं, इनकी प्राथमिकता में एयर कंडिशन की संस्कृति हैं, पेज थ्री की संस्कृति हैं। प्रोफेशनल लोग वोट कहां डालते हैं, प्रोफेशनल लोगो के पास वोट डालने का समय कहां होता हैं|
उदारवादी इस्लाम के पक्ष में हैं तारिक फतेह
होटल के अंदर और बाहर सुरक्षाकर्मियों का पहरेदारी हो गई। मुझे आदेश मिला था कि मैं बिना किसी सुरक्षाकर्मी के बाहर न निकलूं और न ही किसी सार्वजनिक समारोह में भाग लूं। तब मैंने सोचा कि ऐसा क्या कर दिया मैंने जो इतना बवाल कट गया। लेकिन उसके बाद ऐसे वाक्या होते ही गए, इसलिए अब मैं आदी हो चुका हूं।