प्रेरणास्त्रोत : शहीद भगत सिंह
किसी महान विचारक ने कहा है, ‘अपने समस्त आदर्शों का लक्ष्य अपने देश, ईश्वर और सत्य को बनाओ। फिर यदि तुम मरते हो या असफल होते हो, तो एक बलिदानी के रूप में मरोगे।’ भगत सिंह को फाँसी से एक दिन पहले प्राणनाथ मेहता ने एक पुस्तक ‘लेनिन की जीवनी’ दी। इस पुस्...
विरोध प्रदर्शन की संस्कृति
श्रम सुधारों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित बंद में करदाताओं को 18 हजार करोड रूपए का नुकसान हुआ तो जाट आंदोलन के कारण 34 हजार करोड रूपए, और कर्नाटक में कावेरी जल विवाद पर विरोध प्रदर्शन के कारण 22-25 हजार करोड का नुकसान हुआ। जैसे-जैसे भारत ...
प्रेरणास्त्रोत : संत एकनाथ
संत एकनाथ (Saint Eknath) के आश्रम में एक विधवा औरत का लड़का रहता था। वह अपने गुरु की आज्ञा में तत्पर रहता थ, परन्तु खाने का शौकीन था, इसलिए उसका नाम ‘पूरणपौड़ा’ प्रसिद्ध हो गया। एकनाथ जब इस संसार से प्रयाण करने को थे, तब उन्होंने अपने शिष्यों को बुलाया...
ऊंचा हुआ भारत का कद
वैश्विक कूटनीति पर केन्द्रीत रायसीना डायलॉग 2020 में भू राजनीति और भू अर्थनीति पर तो चिंता और चिंतन हुआ ही इसके अलावा अमेरिका-ईरान के बीच तनाव, अफगान शांति प्रक्रिया, पर्यावरण, वैश्विक राजनीति, क्लाइमेंट चेंज, सोशल मीडिया, एजेंडा 2030 और काउंटर टेरेर...
प्रेरणास्त्रोत: छात्र की जिज्ञासा
काशी के एक संत के पास एक छात्र आया और बोला, ‘‘गुरुदेव! आप प्रवचन करते समय कहते हैं कि कटु से कटु वचन बोलने वाले के अंदर भी नरम दिल होता है, लेकिन इसका कोई उदाहरण आज तक नहीं मिला। प्रश्न सुनकर संत गंभीर हो गए।’’ बोले-‘‘वत्स, इसका जवाब मैं कुछ समय बाद ...
घोषणा-पत्रों में जन-सहभाग महत्वपूर्ण
मेरी राय यह है कि विधानसभा का चुनाव है; अत: विधायी कार्य संबंधी 'दिल्ली नीति घोषणापत्र' बने। यह पूरी दिल्ली के स्तर पर बने। 70 विधानसभाओं की विकास संबंधी इलाकाई जरूरतें और परिस्थितियां विविध हैं। जाहिर है कि प्रत्येक विधानसभा का विकास संबंधी रोड मैप ...
प्रेरणास्त्रोत : शंकराचार्य का उपदेश
‘मूढ़मते’ अर्थात् मूर्ख लोग कौन है? शंकराचार्य ने स्वयं इसका उत्तर दिया है- ‘‘नास्तिको मूढ़ उच्यते’’ अर्थात् जो आत्मा को नहीं मानते, अनात्मावादी हैं, वे ही मूढ़ हैं। ऐसे लोग जिनका विशाल बहुमत है, जो अपने सामान्य जीवन में तो करों का भुगतान करते हैं, लेकि...
प्रेरणास्त्रोत : कर्मयोगी किसान
किसान हल जोतने के लिए खेतों में गए। आकाश में चारों ओर घटाएँ छा गई। किसानों ने जमीन साफ कर बैलों को तैयार किया और हल जोतने लग गए। बादल ने किसानों को संबोधित कर तेज आवाज में कहा, ‘‘ऐ किसानो! ये हल चलाना बंद करो और घर जाओ, अब मैं नहीं बरसूँगा।’’ किसानों...
गूगल ज्ञानियों ने हर क्षेत्र में किया बेड़ागर्क
एक वक्त था, जब जनमानस हुकूमतों की नीतियों और सामाजिक मुद्दों पर शांतिपूर्वक विरोध जताते थे और उन मसलों पर असल आईना दिखाने के लिए सामाजिक तानेबानों से सजकर फिल्में भी बनाई जाती थी। फिल्में अब भी बनती हैं लेकिन ज्यादातर आग में घी डालने का काम करती हैं।...
अमेरिका के राष्ट्रपति
पुरुषार्थ ही सफलता की शर्त है। अमेरिका के एक जंगल में एक नवयुवक दिन में लकड़ियाँ काटता था। वह पढ़ना चाहता था। लेकिन गरीब था और नजदीक कोई विद्यालय भी नहीं था। अत: उसने स्वयं ही घर में पढ़ने का निश्चय किया। पुस्तकालय घर से दस मील दूर था वह पैदल जाकर किताब...