चीन की चालाकी पर ताला
कोरोना महामारी से भारतीय कंपनियों के सामने वित्तीय संकट उपस्थिति हुआ है। ऐसी स्थिति में टेकओवर की मंशा रखने वाले चीन और दूसरे देशों की गिद्ध दृष्टि भारतीय कंपनियों पर लगी हुई थी। सरकार ने समय रहते इन देशों की मंशा को पहचान लिया और एफडीआई नियमों में संशोधन करके चीन सहित दूसरे वर्चस्ववादी देशों के मनसूबों पर पानी फेर दिया ।
ईमानदारी के अभाव में बस्तियां बसी, इंसान उजड़ा
ईमानदारी दिवस राजनीतिक झूठों, फरेब एवं धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए एक अभियान है, आम जनजीवन में बढ़ती अनैतिकता एवं बेईमानी, राजनेताओं के बढ़ते झूठ एवं व्यवसाय में अनैतिकता एवं अप्रामाणिकता ने जीवन को जटिल बना दिया है । उन्नत एवं शांतिपूर्ण जीवन के लिये ईमानदारी आधारभूत तत्व है।
अब बड़ा सवाल, लॉकडाउन बढ़ेगा या…नहीं?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो चर्चा की है। वीडियो चर्चा और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी लॉकडाउन का सिलसिला जारी रह सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक चूंकि कोरोना संक्रमितों की संख्या मेंं लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उसके मद्देनजर पूरी तरह लॉकडाउन हटाना खतरनाक साबित हो सकता है।
बेजुबान पशुओें के स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता
बेजुबान पशुओं के रखरखाव और उनकी सेहत के प्रति मौजूदा समय की भौगोलिक परिस्थितियों में खासा बदल आ चुका है। समाज ने जब से पशुधनों को नकारना शुरू किया तभी से तमाम किस्म के पशुओं की प्रजातियां भी लुप्त हो गई हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का भविष्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने कार्यों से विश्व स्वास्थ्य और रोग का प्रशासन संभाला है और वह विभिन्न देशों और संगठनों के बीच निगरानी मानदंडों और मानकों के प्रवर्तन और समन्वय का कार्य कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को राजनीति से बिल्कुल मुक्त रखा जाना चाहिए ।
खुश हैं वन्य जीव और प्रकृति मुस्काने लगी
कोरोना के कारण तालाबंदी से पिछले 33 दिनों की अवधि ने घरों में कैद मानवीय जीवन में आये बदलाव से प्रकृति को पुन: नवल रूप धारण करने का एक स्वर्णिम अवसर प्रदान किया है। संचार के तमाम संसाधनों में चित्र और समाचार प्रकाशित प्रसारित होते रहे कि अब किस प्रकार प्रकृति खिली-खिली नजर आ रही है।
जीवन को लीलता मलेरिया
मलेरिया प्रतिवर्ष 40 से 90 करोड़ बुखार के मामलों का कारण बनता है, वहीं इससे 10 से 30 लाख मौतें हर वर्ष होती है। यानी कह सकते हैं कि मलेरिया से प्रति 30 सेकेंड में एक मौत होती है। इनमें से ज्यादतर पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चे होते हैं। गर्भवती महिलाएं भी इस रोग की वजह से संवेदनशील होती हैं।
सस्ते हुए तेल का भंडारण जरूरी
पूरी दुनिया में कच्चा तेल वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की गतिशीलता का कारक माना जाता है। ऐसे में यदि तेल की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, तो इसका प्रत्यक्ष कारण है कि दुनिया में औद्योगिक उत्पादों की मांग घटी है। इस मांग का घटना इस बात का संकेत है कि समूचे विश्व पर मंदी की छाया मंडरा रही है।
चीन के एफडीआई पर भारत का हमला
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नवीनतम अधिसूचना के अनुसार भारत की भूमि से संबद्ध देशों के नागरिकों या इन देशों में स्थापित कंपनियों या इन देशों के नागरिकों के स्वामित्व वाली कंपनियों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश करने के लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी।
मेरे लिए नहीं…..मैं खास हूं, तुम कौन?
लगता है हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है और जहां पर हम विशेषाधिकारों के लिए एक संकरी सी आधिकारिक पट्टी पर रह रहे हैं। जहां पर हमारे आम आदमी और खास आदमी के बीच एक गहरी खाई है जिसके चलते लोगों में शासकों के प्रति आक्रोश बढता जा रहा है और जिसके चलते लोग स्वयं भी कानूनों का उल्लंघन करने लगे हैं।