मौत बनकर दौड़ी सिस्टम की बिना ब्रेक ट्रेन
कोरोनाकाल में अपने गांव लौट रहे थे। लेकिन बिन बुलाई मौत ने उनको रास्ते में ही घेर लिया। आंखों में नींद थी इसलिए ट्रैक पर ही सो गए, ट्रैक पर सोना मजदूरों की बेबसी थी और मौत की मुनाद। ऐसी मुनाद जिसकी ध्वनि को रेल चालक सुन नहीं सका। वह सरपट मजूदरों पर रेल चलाता हुआ निकल गया। पटरियों पर ही उनकी कब्र खोद गया।
घाटी में फिर सिर उठाता आतंकवाद
आज जब सारी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है और रमजान का पाक महीना चल रहा है, उस समय भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आतंकियों की घुसपैठ और सुरक्षा बलों, सेना के जवानों पर लगातार हमले जारी हैं।
राहत पैकेज: ठोस योजना बनाने की आवश्यकता
विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुख्य अर्थशास्त्री आरिफ हुसैन के अनुसार देश में इस वर्ष के अंत तक 26.5 करोड़ लोग भुखमरी के कगार पर जा सकते हैं। सच यह है कि दक्षिण अफ्रीका में होन्डूरास से लेकर भारत तक भूख और हताशा के कारण विरोध प्रदर्शन और लूट की घटनाएं हो रही हैं। एक आकलन के अनुसार भारत में 36.8 करोड़ बच्चे स्कूल में मध्याह्न भोजन से वंचित हो गए हैं।
लॉकडाउन की मेहनत पर पानी न फेर दे शराब
देश के नीतिनिमार्ताओं को यह सोचना चाहिए की शराब के ठेके खोलकर राजस्व बढ़ाने की यह कवायद, आपदाकाल में लोगों को संक्रमित करके देश के राजस्व पर उल्टा भारी बोझ न डाल दे। कोरोना के इस बेहद खतरनाक वक्त में सरकार का यह निर्णय लोगों की भयंकर लापरवाही के चलते भयानक भूल साबित हो सकता है।
कोरोना की मार से परेशान अन्नदाता को मदद चाहिए
कोरोना ने तो सबसे ज्यादा अन्नदाताओं की उम्मीदों और भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। मजदूर कृषि क्षेत्र से गायब है। मजदूर पलायन कर गये हैं। प्रवासी मजदूर ही गेहूं की कटाई और गेहू बीज निकालने का कार्य्र करते हैं। कोरोना के कारण कृषि मजदूर अपने-अपने घरों में लौट गये।
अमेरिका: अदालती कार्रवाई और चीन
वादियों का दावा है कि चीनी प्रशासन की जैविक हथियार तैयार करने की कोशिशों के चलते यह वायरस फैला जिसके कारण उनके राज्य को जन और धन की भारी हानि हुई है, इसलिए क्षतिपूर्ति के रूप में उन्होंने 20 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना दिया जाना चाहिए।
कोरोना के साथ जीना सीखो
सरकार को अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आर्थिक टीका लगाना पड़ेगा। अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना और नई स्थिति के साथ समायोजन करना वक्त की मांग है।
विश्व अर्थव्यवस्था का भारत को लाभ उठाना होगा
भारतीय उद्यमियों को चीन से बाहर आ रही कंपनियों से निवेश आकर्षित करने के लिए जीतोड़ मेहनत करनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस अवसर का लाभ उठाने और कोरोना के बाद बहुराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला का केन्द्र बनने का आह्वान किया है।
लॉकडाउन और भय की भावना
लॉकडाउन का उद्देश्य महामारी के प्रसार को रोकना है। इस महामारी पर नियंत्रण के लिए लक्षण दिखने वाले रोगियों, जिन रोगियों मे लक्षण न दिख रहें हों और लक्षण से पूर्व के रोगियों को शेष लोगों से अलग रखना है और इसीलिए लॉकडाउन किया गया किंतु आम आदमी इसके उद्देश्य को नहीं समझ पाया।
माल्या के प्रत्यर्पण से बैंक लुटेरों में बढ़ेगा खौफ
भारतीय बैंक आज घोटालों के कारण संकट में फसें हुए हैं। विजय माल्या जैसों को कड़ी सजा मिलती है तो फिर बैंकों के कर्ज लेकर डकारने वाले अपराधियों में खौफ पैदा होगा। इसके अलावा बैंकों के भ्रष्ट अधिकारियों को भी कड़ा संदेश जायेगा।