मेरे लिए नहीं…..मैं खास हूं, तुम कौन?
लगता है हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है और जहां पर हम विशेषाधिकारों के लिए एक संकरी सी आधिकारिक पट्टी पर रह रहे हैं। जहां पर हमारे आम आदमी और खास आदमी के बीच एक गहरी खाई है जिसके चलते लोगों में शासकों के प्रति आक्रोश बढता जा रहा है और जिसके चलते लोग स्वयं भी कानूनों का उल्लंघन करने लगे हैं।
संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता के लिए भारतीय दावेदारी
संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक बार पुन: संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार की मांग जोर पकड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं संयुक्त राष्ट्र महासभा को वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि व्यापक सुधारों के बिना संयुक...
असली भारत की मानवीय त्रासदी
आज भारत एक अभूतपूर्व प्रवासी मजदूरों की मानवीय समस्या का सामना कर रहा है। इस समस्या का समाधान अनुशासन के साथ मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। यह सच है कि सरकार ने उनके लिए अनेक उपायों की घोषणा की है किंतु आवश्यकता इस बात की है कि इसके लिए खजाने के द्वार खोले जाएं।
राज्यसभा चुनाव से जुड़ी अलोकतांत्रिक उठापटक
राज्यसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में जो राजनैतिक तोड़फोड़ और उठापटक देखने को मिल रही है, उसे एक आदर्श एवं स्वस्थ लोकतन्त्र के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। जनता द्वारा चुने गये विधायकों की चरित्र एवं साख इतनी गिरावट से ग्रस्त है कि आर्थिक एवं सत्ता के प्र...
विरोध प्रदर्शन का नया व्याकरण
तिलक के ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ से लेकर आज ‘हड़ताल मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ तक भारत ने एक लंबी यात्रा तय की है। आज समाज का हर वर्ग हड़ताल करने की योजना बना रहा है चाहे राजनीतिक विरोध प्रदर्शन हो, चाहे श्रमिकों की हड़ताल हो या चक्का जाम जिससे ...
रूस द्वारा मध्यस्थता की भूमिका
कुछ पर्यवेक्षकों और विशेषज्ञों की भविष्यवाणी को नकारते हुए भारत ने रूस में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लिया। इस स्तंभ में मैंने पहले भी लिखा था कि भारत को इस बैठक में भाग नहीं लेना चाहिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक में भाग लिया। पिछले ...
डोनाल्ड ट्रंप के व्यवहार को समझे भारत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमान किया है, वह विदेश नीति के स्थापित सिंद्वातों और मयार्दाओं का उल्लंघन तो है ही, साथ ही अमेरिकी कूटनीति के स्याह चेहरे को भी दुनिया के सामने प्रकट करता हैं।
36th National Games: योगासना में हरियाणा का पहला स्वर्ण पदक
-राहुल और रिशभ ने दिलाया स्वर्ण पदक
-जुडो में गोल्ड, सिल्वर और ब्रोन्ज तीनों पदक हरियाणा के नाम
-हरियाणा लड़कियों की हॉकी टीम फाइनल में पहुंची
-हरियाणा के खाते में 31 स्वर्ण सहित कुल 94 पदक
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। गुजरात में चल रहे 36व...
चीन से निकले मौत के वायरस के कृत्रिम होने की शंकाएं?
फ्रांस के नोबेल पुरुस्कार विजेता वैज्ञानिक लूक मांटेग्नर ने इस दावे का समर्थन किया है कि कोविड-19 महामारी फैलाने वाले नोवल कोरोना वायरस की उत्पत्ति प्रयोगशाला में की गई है और यह मानव निर्मित है। उनका यह भी दावा है कि एड्स बीमारी को फैलाने वाले एचआइवी वायरस की वैक्सीन (टीका) बनाने की कोशिश में यह अधिक संक्रामक और घातक वायरस तैयार किया गया है।
राजनीतिक दृष्टि से मुकाबला करने की आवश्यकता
कोरोना वायरस के कारण एक सुनियोजित संकट पैदा हो सकता है जिसमें सप्लाई चेन बाधित होगी, वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट आएगी, तेल के मूल्यों को लेकर जंग छिड़ेगी और उपभोक्ता मांग में गिरावट आएगी।