चीन का मानवाधिकारों पर कुठाराघात
चीन ने माओ के नेतृत्व में 1949 में कम्युनिस्ट विचारधारा को आत्मसात किया, लेकिन मानवाधिकार और नागरिक स्वतंत्रता को ताक पर रखकर। साम्यवादी विचारधारा का उद्भव ही पूंजीवादी विचारधारा के विरुद्ध हुआ था, ताकि समाज के शोषित, मजदूरों इत्यादि को समाज में समान...
गंगा स्वच्छता: पहल ही नहीं, सख्ती भी आवश्यक
सेंट्रल पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा सफाई पर विभिन्न परियोजनाओं के मद में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए पानी की तरह बहाए जा चुके हैं। फिर आज क्या हम इस स्थिति में पहुंचे है कि गंगा को स्वच्छ नदी का दर्जा दे सकें? विडंबना यह है कि राष्ट...
भ्रष्टाचार: नैतिकता से इसका क्या सरोकार
हमारी व्यवस्था की हास्यास्पद स्थिति देखिए। व्यवस्था में असमानता देखिए। एक दसवीं फेल बिहार का उपमुख्यमंत्री है और तमिलनाडु में शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा उस छात्र को प्रवेश नहीं दिया गया जिसके 90 के बजाए 89 अंक आए थे।
बिहार के उपमुख्यमंत्री बड़े गर्व स...
हमने रंगों को भी बेरंग कर दिया
हम काले हैं, तो क्या हुआ, दिलवाले हैं...’ मोहम्मद रफी का ये गाना सुनने में तो हमें बहुत अच्छा लगता है, लेकिन जब यही गाना हमारे समाज की सच्चाई से हमें रुबरु कराता है, तो हम इसे सुनकर भी अनसुना कर देते हैं। समाज की तमाम कुरीतियों और भेदभाव पर तो चर्चा ...
बहस के दायरे में निर्वाचन आयोग
पिछले दिनों में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया के सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय की टिपण्णी को भले ही समाचार पत्रों में बहुत जगह न मिली हो, लेकिन देश की शीर्ष अदालत ने बिल्कुल सटीक बहस को शुरू किया है।
देश के हालिया मुख्य चुनाव आयुक्त रहे न...
अहमदाबाद, अब विश्व धरोहर
किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति और सांस्कृतिक, प्राकृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों से होती है। ये धरोहर न सिर्फ उसे विशिष्टता प्रदान करती हैं बल्कि दूसरे देशों से उसे अलग भी दिखलाती हैं। हमारे देश में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक यान...
विधानसभाओं की सुरक्षाओं में झोल
उत्तर प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा को भेदना लगभग नामुमकिन है, लेकिन फिर भी चूक सामने आ गई। इस घटना ने संसद पर हुए हमले की याद ताजा कर दी है। विधानसभा के परिसर में विस्फोटक मिलने से देश की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। विधानसभा की कार्रवाई के दौरान नेता...
शिक्षा व्यवस्था की अमानवीयता
शिक्षा की बदहाली और अमानवीयता को लेकर आज देशभर में चर्चा का बाजार गर्म है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को अमानवीय बताया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षा प्रणाली एक मशीन हो गई है जोकि क्लोन तैयार करने में लगी हुई है और व्यक्...
परिवार नियोजन पर बल देने की आवश्यकता
भारत में जनसंख्या दबाव के कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं, जिसके चलते सरकर को पुन: परिवार नियोजन पर विचार करना पड़ रहा है। पश्चिमी देशों ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण लगा दिया है। इसी तरह भारत को भी इस दिशा में कदम उठाने होंगे। जनसंख्या वृद्धि ...
प्रशासनिक कार्यप्रणाली को दुरुस्त किया जाए
चाहे सरकारों की तरफ से प्रशासनिक स्तर की सेवाएं बिना किसी देरी व बिना किसी मुश्किल के करने की बातें की जाती हैं, लेकिन वास्तव में सच्चाई कुछ और ही होती है। दरअसल लोगों को सरकारी दफ्तरों में जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसे कोई नहीं जानता। जब...