सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने का संदेश घृणात्मक
इस्लामिक दुनिया की दो बड़ी घटनाओं ने दुनिया का ध्यान खींचा है, दोनों घटनाएं विघटन और घृणा से जुड़ी हुई हैं और यह प्रमाणित करती हैं कि इस्लामिक देशों में अन्य धर्मों व पंथों की विरासतों तथा प्रतीक चिन्हों का सम्मान और सुरक्षित रखना मुश्किल काम है तथा का...
अपने आप में कानून
यह संयोग नहीं है कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिस उत्पीड़न की शिकायतें प्राप्त हुई हैं बल्कि यह महामारी कानून के नियम को नजरंदाज करने के लिए पुलिस के लिए एक बहाना बन गया। प्रवासी मजदूरों, दुकानदारों, पटरी दुकानदारों, आदि की पिटाई और उनको गाली देना आम बात हो गयी है। कर्फ्यू के दौरान सड़क पर लोगों की कान पकडकर परेड कराना भी आम देखने को मिला।
कानून में संशोधन की आवश्यकता
प्रशांत भूषण मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय ने एक बार फिर से नई बहस को जन्म दिया है। इस मामले ने न्यायालय की अवमानना कानून में संशोधन के महत्वपूर्ण प्रश्न को उठाया है। इस कानून के पक्ष और विपक्ष में मजबूत तर्क दिए गए हैं। यदि कोई कानून बनाया जात...
कोरोना की आड़ में राजनीति
किंतु आज लगता है कि हम ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां पर केवल वीवीआईपी को महत्व दिया जाता है जो आधिकारिक नामक एक संकरी पट्टी पर रहते हैं और विशेषाधिकारों की ओर भागते हैं। इसके चलते आज आम आदमी और खास आदमी के बीच खाई और चौड़ी हो गयी है और परिणामस्वरूप शासकों के प्रति लोगों में हताशा और आक्रोश बढ रहा है और जनता अवज्ञा पर उतर आयी है।
भारत धर्मनिरपेक्ष था, है और रहेगा
भारतीय समाज का समग्र स्वरूप न तो किसी वारिस पठान या अकबरुद्दीन ओवैसी या उसकी किसी जहरीली सोच को स्वीकार करता है न ही किसी गिरिराज सिंह, योगी, राजा सिंह, तोगड़िया, साक्षी अथवा प्रज्ञा जैसों की सोच को।
समझौते की बुनियाद पर निर्मित होते संबंध
पिछले दिनों भारत और अमेरिका ने रक्षा सुरक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेट (बेका) समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौता न केवल भारत बल्कि अमेरिकी नजरिए से भी काफी अहम माना जा रहा है। जिन परिस्थितियों में यह समझौता हुआ उस...
चीन की चालाकी पर ताला
कोरोना महामारी से भारतीय कंपनियों के सामने वित्तीय संकट उपस्थिति हुआ है। ऐसी स्थिति में टेकओवर की मंशा रखने वाले चीन और दूसरे देशों की गिद्ध दृष्टि भारतीय कंपनियों पर लगी हुई थी। सरकार ने समय रहते इन देशों की मंशा को पहचान लिया और एफडीआई नियमों में संशोधन करके चीन सहित दूसरे वर्चस्ववादी देशों के मनसूबों पर पानी फेर दिया ।
जीवन-संकटों के बीच उजालों की खोज
मनुष्य जीवन में गैर-जिम्मेदारी एवं लापरवाही की इतनी बड़ी-बड़ी चट्टानें पड़ी हुई हैं, जो मनुष्य-मनुष्य के बीच व्यवधान पैदा कर रही हैं। संकल्प, संयम एवं समर्पण के हाथ इतने मजबूत हैं कि उन चट्टानों को हटाकर आदमी को आदमी से मिला सकता है, जीवन की संभावनाओं को पंख लगा सकता है।
अब नई जीवनशैली के साथ आगे बढ़ना होगा
हमें एक नई जीवनशैली के साथ आगे बढ़ना होगा। ऐसे में जब इस साल तक कोरोना वैक्सीन बाजार में आनी मुश्किल दिखाई दे रही है तो हमारी सतर्कता-समझदारी में ही हमारा बचाव संभव है। यदि सब ठीक-ठाक रहा तभी सामान्य स्थिति की उम्मीद की जा सकेगी।
निराशा से गरिमापूर्ण जीवन की ओर
हमें प्रवासी श्रमिकों की वर्तमान निराशाजनक स्थिति को एक गरिमापूर्ण जीवन में बदलना होगा और समेकित विकास के रूप में उन्हें अवसर उपलब्ध कराने होंगे। अन्यथा श्रमिकों की दुर्दशा जारी रहेगी।