हमेशा अमर रहेंगे भगवान दास इन्सां
शहीद कभी पैदा नहीं किए जाते, वे तो जन्म से ही देश व धर्म पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहते है। उनमें संघर्ष की भावना कूट-कूट कर भरी होती है। शहीदों की इसी गौरवमयी गाथा को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के पीलीबंगा कस्बे के महान् शहीद भगवान दास इन्सां ने धर्म...
शरद यादव की खिसकती सियासी जमीन
दिल्ली के कंस्टीटयूशन क्लब में आयोजित जन अदालत में शरद यादव की पाखंड वाली आदर्शवाद राजनीति की पोल खुलते हुए सबने देख लिया। दरअसल किसी आदर्शवाद से प्रेरित होकर नि:स्वार्थ भाव की राजनीति करने का चलन अब राजनेताओं में नहीं बचा। वह किसी भी सूरत में सत्तास...
जरूरी है मानसिक और शारीरिक संतुलन
संतुलन दुनिया के तमाम तत्वों, व्यक्तियों, स्थलों और परिस्थितियों के लिए नितान्त जरूरी है तभी सभी अपने अस्तित्व और गुणवत्ता को बरकरार रख सकते हैं। इसी प्रकार इंसान के मन-मस्तिष्क और शरीर में संतुलन जरूरी है। पुरुषार्थ चतुष्टय के चार पायों धर्म, अर्थ, ...
भारत के हित संकट में
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच युद्ध का प्रलाप पिछले कुछ दिनों से कुछ शांत हुआ है। तथापि दोनों पक्षों के बीच युद्ध होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है, जब तब शीघ्रातिशीघ्र कुछ कूटनयिक कदम न उठाए जाएं। जैसा कि सबको मालूम है कि उत्तर कोरिया ने अमे...
गटर साफ करते मजदूरों की मौतों से उठते सवाल
देश की राजधानी दिल्ली में छह-सात दिन के भीतर अलग-अलग स्थानों पर गटर साफ करते हुए पांच मजदूरों की मौत सफाई व्यवस्था पर कर्इं तरह के सवाल खड़े कर रही है। पहली बात तो यही कि इतने तकनीकी विकास के बावजूद आज भी गटर अंदर जाकर क्यों साफ करने पड़ रहे हैं?
दूसर...
मोदी का नया भारत बनाने का विश्वास
कहते हैं कि संकल्प में बहुत बड़ी ताकत होती है, संकल्प के साथ किए जाने वाले कार्य हमेशा सुफल परिणाम देने का संचार करते हैं। स्वतंत्रता के बाद लम्बे समय तक भारत में जिस संकल्प के साथ काम होना चाहिए था, उसमें कमी का अहसास देखा गया। इसी कारण से हमारा देश ...
आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों को अनसुना कब तक करें?
आत्महत्या का नाम सुनते ही आंखों के सामने मौत का एक भयावह मंजर खड़ा हो जाता है। एक डरावना शब्द, जो कल तक शब्दकोष में कहीं गुम था, वो आज देश में, समाज में और घर में इस कदर स्थापित हो गया है कि हर कोई इससे डरा सहमा है। कहने को इसके अर्थ मनचाही मौत से जुड़...
कोविन्द के वक्तव्य में नये भारत का संकल्प
देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन नये भारत को निर्मित करने के संकल्प को बल देता है। अपने इस सशक्त एवं जीवंत भाषण में उन्होंने उन मूल्यों एवं आदर्शों की चर्चा की, जिन पर नये भारत के...
संसार के मार्गदर्शक हैं श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण जी नित्यों के नित्य और जगत के सूत्रधार हैं। शास्त्रों में उन्हें साक्षात् ईश्वर कहा गया है। कुरुक्षेत्र में उन्होंने मोहग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया। कर्म का वह महामंत्र प्रदान किया, जो मानव जाति के लिए पथ-प्रदर्शक है। गीता में नश्वर...
स्वतंत्रता को दें नया आयाम
पन्द्रह अगस्त हमारे राष्ट्र का गौरवशाली दिन है, इसी दिन स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का निहितार्थ था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा, जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न ...