खास होगा लॉकडाउन का दूसरा चरण
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए लॉक डाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है, ऐसे में आशा जगती है कि आने वाले दिन देश के खास होंगे। लॉकडाउन-2 में पूरी तरह पता चल जाएगा कि हम कोरोना संक्रमण को रोकने में कहां तक सफल रहे हैं।
सीएए जैसे उपद्रवी मसलों पर न बनें फिल्में
मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि मैं ऐसा करूं जिसमें जादुई छुअन हो। अपने काम के साथ न्याय कर सकूं।
आजकल आइटम गाना फिल्म का जरुरी हिस्सा बन गया है।
प्रेरणास्त्रोत : दो चीटियों की बात
गुरु ने कहा- ऐसे व्यक्ति की अपनी सोच के अनुसार होता है। जो व्यक्ति जिस तरह का होता है, उसे सभी वैसे ही दिखाई देते है। फिर उन्होंने शिष्य को एक कहानी सुनाई। एक पर्वत पर दो चीटियाँ रहती थी। एक चींटी के पास शक्कर की खान थी और दुसरी चींटी के पास नमक की खान थी।
लोक अदालतों से कम होगा मुकदमों का अंबार
यह वास्तव में चिंतनीय है कि देश की अदालतों में करीब एक हजार मामलें आधी शताब्दी यानी की 50 साल से लंबित चल रहे है तो करीब दो लाख मामलें एक चैथाई सदी यानी की 25 साल से लंबित हैं। पिछले दिनों गुवाहाटी में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते देश की सर्वोच्च...
शांति स्थापना के आधे-अधूरे प्रयास
पिछले एक माह से युद्ध की आग में झुलस रहे आमेर्निया और अजरबैजान के बीच शांति समझौते के प्रयास बार-बार असफल हो रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में दोनों देशों के बीच दो बार युद्ध विराम का समझौता हुआ, लेकिन दोनों ही बार आमेर्निया और अजरबैजान युद्ध विराम की दिश...
अमेजन सीईओ बेजोस से क्यों नहीं मिले मोदी ?
भारत क्या बेजोस की नीतियों से खफा है, अगर नहीं तो पीएम मोदी से उनकी मुलाकात क्यों नहीं हुई। जबकि भारत अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए विदेशी विनिवेश पर अधिक जोर दिया जा रहा है। जब अमेजन भारतीय उत्पादों को दुनिया तक पहुँचना चाहती है तो उसे मौका क्यो...
नाकाफी रहा स्थिरता के साथ सुशासन
यह मान्यता रही है कि ऐसी पार्टियां उद्देश्य में बहुत सीमित रहती हैं बावजूद इसके केन्द्र में इनकी भूमिका भी बड़े पैमाने पर समय-समय पर देखी गयी है। भारत की राजनीति के क्षितिज में गठबंधन की सरकार क्षेत्रीय दलों की सरकार और एक दल की सरकार की अवधारणा बीते सात दशकों से देखी जा सकती है।
कोरोना संक्रमण पर गर्मी का कितना प्रभाव?
बहरहाल, गर्मी में कोरोना के प्रसार में कमी आने संबंधी भले ही कितने ही दावे किए जाएं लेकिन वास्तव में दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक के पास कोरोना पर गर्मी के प्रचण्ड तापमान के प्रभाव को लेकर कोई निश्चित जवाब नहीं है।
चीन की करतूत से दुनिया हो रही तबाह
चीन क्या ऐसा वायरस युद्धकाल में अपने दुश्मन देश की सेनाओं के खिलाफ प्रयोग करने के लिए तैयार कर रहा था? अभी तक सिर्फ अनुमान है कि चमगादड़, कुता या फिर बिल्ली के सड़े मास से यह वायरस उत्पन्न हुआ है। पर अभी तक चीन की ऐसी कोई प्रमाणिक स्वीकृति सामने नहीं आयी है।
आर्थिक भगोड़ोंं को अब नहीं मिलेगा संरक्षण
आर्थिक भगोड़े अपराधियों पर यह पहली चोट हैं, यह सही है कि पहली चोट है, पर चोट गंभीर है, निर्णायक चोट करने में यह पहली चोट बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रही है, भारत सरकार की बहुत बड़ी जीत है, यह एक बड़ी जीत ही नहीं है बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिशीलता को...