आर्थिक मोर्चे पर नया साल चुनौतीपूर्ण
साथ ही संस्थानों और संगठनों को मजबत कर विकास की प्रक्रिया में तेजी लायी जा सकती है अैर यह जिम्मेदारी सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की है कि वह सामाजिक, आथिर्क विकास सुनिश्चित करे और ऐसा बदलाव लाए जिससे देश में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की स्थिति में सुधार हो क्योंकि बढ़ती विषमता सतत और संतुलित विकास के मार्ग में अड़चन बनती जा रही है।
पाक बेनकाब: अमेरिका ने पाकिस्तान की नींद उड़ाई
अंडरवर्ल्ड माफिया दाउद इब्राहिम को लेकर अमेरिका जिस तरह से सक्रिय हुआ है, अमेरिका जिस तरह उसकी घेराबंदी कर रहा है, अमेरिका दाउद इब्राहिम के नेटवर्क को जिस प्रकार से भेदने की तैयारी कर रहा है, उससे पाकिस्तान की न केवल परेशानी बढ़ी है, बल्कि पाकिस्तान द...
कोरोना के साथ जीना सीखो
सरकार को अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आर्थिक टीका लगाना पड़ेगा। अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना और नई स्थिति के साथ समायोजन करना वक्त की मांग है।
मेक अमेरिका ग्रेट अगेन नारे पर सवार ट्रंप
अरविंद जयतिलक ट्रंप सरकार ने एक कर कटौती पारित भी की लेकिन उसका सर्वाधिक फायदा धनिकों को मिला। ट्रंप ने नैतिक मूल्यों की दुहाई देते हुए प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया था। वाशिंगटन डीसी में फैले भ्...
क्या अंतिम परिणाम में परिवर्तित होंगे एग्जिट पोल के नजीते
सवाल फिर वही, क्या एग्जिट पोल्स के मौजूदा रूझान 23 मई को आने वाले फाइनल रिजल्ट जैसे होंगे? 17वीं लोकसभा का सातवां व आखिरी चरण जैसे ही संपन्न हुआ, खबरिया चैनलों ने एग्जिट पोल्स के पिटारे खोल दिए। तुलनात्मक सभी चैनलों के आकंलनों पर गौर करें, तो कमोबेश ...
प्रेरणास्रोत : एक अंग्रेज ने कहा
एक दिन महात्मा बुद्ध घने जंगल में होकर कहीं जा रहे थे। दूर से अंगुलिमार ने उन्हें देख लिया। वह आनन-फानन में जा पहुँचा, उनके पास आकर बोला, ‘‘साधु, जो कुछ भी तुम्हारे पास हो, उसे निकाल दो अन्यथा तुम्हारी जान की खैर नहीं।’’
लॉकडाउन की मेहनत पर पानी न फेर दे शराब
देश के नीतिनिमार्ताओं को यह सोचना चाहिए की शराब के ठेके खोलकर राजस्व बढ़ाने की यह कवायद, आपदाकाल में लोगों को संक्रमित करके देश के राजस्व पर उल्टा भारी बोझ न डाल दे। कोरोना के इस बेहद खतरनाक वक्त में सरकार का यह निर्णय लोगों की भयंकर लापरवाही के चलते भयानक भूल साबित हो सकता है।
अपने हित-अहित से किसान बेखबर व सरकार बाखबर ?
सत्ता द्वारा किसानों की नए कृषि अध्यादेशों को वापस लेने की दो टूक मांग से देश का ध्यान भटकाने के लिए अनेक हथकंडे प्रयोग में लाए जा रहे हैं। सत्ता+गोदी मीडिया+आईटी सेल का अदृश्य संयुक्त नेटवर्क कभी इस आंदोलन को खालिस्तान से जोड़ने की कोशिश करता है तो क...
प्रेरणास्त्रोत : मां का प्रेम
पर तुम कैसे कह सकती हो कि मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूंगा?’ मां ने कहा, ‘देख तेरे सामने के दांत पर नाग का चिह्न है।’
चाणक्य ने आईने में देखा तो मां की बात सही निकली।
कोरोना के बावजूद तापमान में वृद्धि
बढ़ते उत्सर्जन के सांथ इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देना होगा हालांकि देश में कुछ कदम उठाए गए हैं और अक्षय उर्जा पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही वाहनों से उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण, बाहरी प्रदूषण आदि रोकने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। अर्ध-शह...