समय का मोल पहचानें, शक्ति क्षरण से बचें
डॉ. दीपक आचार्य
व्यक्ति की अपनी पूरी जिन्दगी में 50 फीसदी से ज्यादा वह समय होता है जिसको वह फालतू के कामों और बेकार की सोच में गंवा देता है। जो व्यक्ति जीने का अर्थ समझते हैं वे हर क्षण को कीमती मानकर उसका पूरा उपयोग करने की कला में पारंगत हो जाते ह...
आखिर भूख से मौत कब तक
पिछले साल झारखंड के गिरिडीह जिले में भूख से 45 वर्षीय मीना मुसहर की मौत हो गई। मृतक महिला अपने बेटे के साथ कचरा बीनने का काम करती थीं। पिछले चार दिन से कमाई नहीं होने के कारण भूखे रहने से महिला की मौत हो गई। गौरतलब है कि इससे पहले सिमडेगा जिले के करी...
बढ़ता जा रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा
बाल मुकुन्द ओझा
अगर सुबह तेज सिरदर्द से नींद खुल रही हैं। धीरे-धीरे कान से सुनने की क्षमता या आंखों से भेंगा दिखने की शिकायत अथवा रोशनी घट रही हैं। धीरे-धीरे प्रमुख अंग का सुन्न पड़ना अर्थात लकवे के लक्षण लगें तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए। ये द...
सत्ता प्राप्ति की आपाधापी से उपजी समस्याएं
ललित गर्ग
किसान आन्दोलन, शिलांग में हिंसा, रामजन्म भूमि विवाद, कावेरी जल, नक्सलवाद, कश्मीर मुद्दा आदि ऐसी समस्याएं हैं, जो चुनाव के निकट आते ही मुखर हो जाती है। ये मुद्दे एवं समस्याएं आम भारतीय नागरिक को भ्रम में डालने वाली है एवं इनको गर्माकर राजनी...
पाकिस्तान की बद्नीयति को झटका
प्रमोद भार्गव
भारत की किशनगंगा नदी बांध और जल विद्युत परियोजनाओं से बैचेन पाकिस्तान को गहरा झटका लगा है। दरअसल पाकिस्तान इन परियोजनाओं को लेकर विश्व बैंक के हस्तक्षेप के लिए पहुंचा था, किंतु विश्वबैंक ने पाकिस्तान की मांग को सिरे से खारिज करते हुए स...
स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख सेनानियों में एक थे गुलाम अब्बास
जाहिद खान
फिल्म निर्माता, निर्देशक, कथाकार, पत्रकार, उपन्यासकार, पब्लिसिस्ट और देश के सबसे लंबे समय तकरीबन बाबन साल तक चलने वाले स्तंभ ‘द लास्ट पेज’ के स्तंभकार ख्वाजा अहमद अब्बास उन कुछ गिने चुने लेखकों में से एक हैं, जिन्होंने अपने लेखन और फिल्मों...
रमजान के पाक महीने में पाक की नापाक हरकतें
राजेश माहेश्वरी
सरकार ने रमजान माह के दौरान बॉर्डर पर सीज फायर रोकने का फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने भटके युवाओं को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया था, लेकिन सरहद पार से रमजान में भी फायरिंग करने का दुस्साहस नहीं रुक रहा है। लगातार फायरिंग की जा...
बढ़ता जल संकट और असहाय तंत्र
हमारे देश में जल को मुफ्त की चीज समझ के बर्बाद किया जाता है। जिसके कारण पानी के स्रोत निरंतर खाली हो रहे हैं और देश जल की कंगाली की ओर बढ़ रहा है। जल को स्वच्छ रखने का सामाजिक संस्कार हमारे समाज से गायब होता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के...
सबसे बड़ा खतरा है प्लास्टिक प्रदूषण
प्रति वर्ष दुनिया में 100 से ज्यादा देशों के लोगों द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस म...
समय प्रबन्धन अपनाना जरूरी
डॉ. दीपक आचार्य
संसार के प्रत्येक कर्म की एक निर्धारित समय सीमा होती है जो कार्य विशेष के अनुरूप कम-ज्यादा रहती है। हर काम समय पर होना चाहिए, इसके साथ ही यह जरूरी है कि इसके संपादन के लिए दी गई तयशुदा समय सीमा में ही पूर्ण होना चाहिए। प्रत्येक मनुष...