शांति के नए युग का आगाज
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की सिंगापुर शिखर वार्ता को न केवल कोरियाई प्रायद्वीप, बल्कि वैश्विक शांति स्थापना की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच दो दौर की वार्ता के बाद किम जोंग ने जहां ...
किसे सुनाएं बेजुबान पक्षी व जानवर अपनी व्यथा
मानव की प्रकृति में दखल देने की आदत ने प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दिया है। बिगड़े संतुलन के चलते वातावरण में अनचाहे परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। बिना मौसम के आंधी, वर्षा का आना रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गया है। ऊपर से विकास के नाम पर लाखों पेड़ो...
रक्तदान करें और जीवन रक्षक बनें
देवेंद्रराज सुथार
रक्तदान जिंदगी से जूझ रहे लोगों को नया जीवन प्रदान करता हैं। इसलिए रक्तदान को महानदान व जीवनदान कहा गया है। रक्तदान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने व रक्त की जरूरत पड़ने पर उसके लिए पैसे देने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए जैसे उद्देश्यों क...
नौकरशाही में नये प्रयोग की सार्थकता
देश के प्रशासनिक क्षेत्र को सशक्त बनाने एवं नौकरशाही को दक्ष, प्रभावी एवं कार्यकारी बनाने की तीव्र आवश्यकता है। नौकरशाही को प्रभावी, सक्षम एवं कार्यक्षम बनाने और उसमें नए तौर-तरीकों को समाहित करने के इरादे से संयुक्त सचिव पद के स्तर पर निजी क्षेत्र क...
देश निर्माण में एनसीसी का योगदान
भारत दुनिया का सबसे सुनहरी और गौरवशाली इतिहास वाला देश है। भारत की सुरक्षा जहां एक और विशाल हिमालय और गहरे सागर करते हैं वहीं दूसरी और हमारी सेना दुश्मन के लिए बुलन्द हौंसलों के साथ एक मजबूत दीवार बन कर खड़ी है। भारतीय सेना के गौरवमई इतिहास को आगे भी ...
मौहब्बत करने वाले कम न होंगे
(रमेश सर्राफ धमोरा) मोहब्बत करने वाले कम न होंगे, तेरी महफिल में लेकिन हम न होंगे। मेहंदी हसन की गायी यह प्रसिद्ध गजल आज यथार्थ बन गयी है। 13 जून 2012 को पाकिस्तान के कराची शहर में पूरी दुनियां में अपने चाहने वालों को बिलखता छोड़ मेंहदी हसन इस दुनिया ...
बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन बाल श्रम
बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए 2002 में विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की। बाल श्...
और कितना नीचे गिरोगे ?
डॉ. दीपक आचार्य
हर दिशा में लोगों की भीड़ बेतहाशा भाग रही है। सभी को अपने नम्बर बढ़ाने की पड़ी है। जो नम्बरी हैं उन्हें भी, और जो गैर नम्बरी हैं उन्हें भी। प्रतिभाओं और हुनर से बेखबर या कि हर दृष्टि से खाली डिब्बे माने जाने वाले लोगों की सबसे बड़ी समस्य...
कुपोषण बनाम जिन्दगी की जंग
रमेश सर्राफ धमोरा
भारत की बढ़ती जनसंख्या में काफी बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं। यहां कुपोषण एक तरह से जीवन का हिस्सा बन गया है। इस क्षेत्र के बच्चे या अन्य क्षेत्रों के कुपोषित बच्चे अगर बच भी जाते हैं तो उपयुक्त पोषण न मिल पाने के कारण उनके शरीर...
सिर्फ अपने नहीं बल्कि देश के लिए भी जीएं
हरि शंकर आचार्य
बीकानेर के लक्ष्मण मोदी के प्रतिदिन डेढ़ से दो घंटे झुग्गी-झोंपड़ियों में बीतते हैं। इस दौरान वे बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्हें व्यक्तित्व निर्माण के गुर सिखाते हैं। मोदी सप्ताह में एक बार इन बच्चों को अपने घर ले जाते हैं। उन्हें टीवी दिख...