देश चाहता है अपराध मुक्त सियासत
प्रदेश में दागी राजनीति पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी से सियासत गरमाई है। देश के शीर्ष कोर्ट ने एक बार फिर आम नागरिकों की भावना को अपने शब्दों में व्यक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीति में अपराधीकरण को रोकना वक्त की मांग है, पूरा देश चाह...
मानसून की चुनौतियों से कैसे निपटेंगे हम?
7 अगस्त की शाम दिल्ली में हुई कुछ देर की मूसलाधार बारिश में ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में हालात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गए। कुछ दिनों पूर्व भी लगातार तीन-चार दिन की ही बारिश के चलते देश के कई शहरों में बहुत बदतर हालात देखे गए थे, जगह-जगह सड़कें धंस...
यह स्वतंत्रता दिवस पर्यावरण के नाम
प्रदूषण शब्द का अर्थ होता है चीजो को गन्दा करना। वर्तमान में हम खतरनाक रूप से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से घिरे हुए हैं और यह समस्या भविष्य में हमारे लिये जानलेवा भी हो सकती है। इस भयंकर सामाजिक समस्या का मुख्य कारण हैं औद्योगीकरण वनों की कटाई और शह...
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर मचा घमासान
असम सरकार ने कड़ी सुरक्षा के बीच असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे एवं अंतिम मसौदे को जारी कर दिया है, ताकि अवैध तौर पर वहां पर रह रहे लोगों का पता लगाया जा सके। हालांकि सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अभी लोगों को इसमें अपना नाम शामिल क...
हिन्दी में उत्तर आधुनिक रचनाओं के जनक कथाकार मनोहर श्याम जोशी
हिन्दी साहित्य में ऐसे विरले ही कथाशिल्पी हुए हैं, जिन्होंने अपने लेखन को दृश्य-श्रृव्य जैसे संप्रेषणीय माध्यमों से जोड़कर, आम लोगों तक बड़े ही कामयाबी से पहुंचाया हो। साहित्य की तमाम विद्याओं से लेकर जिनकी कलम का जादू मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, वृत्तचि...
भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों है?
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि आदिवासी अस्तित्व, संघर्ष, हक-अधिकारों और इतिहास को याद करने के साथ-साथ जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की समीक्षा करने का भी दिन है। आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराक...
बालिका गृहों में नारकीय जीवन जीने को मजबूर किशोरियां
बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में किशोरियों के साथ लंबे समय तक बलात्कार और गर्भपात कराने की खबर से पूरा देश सन्न रह गया। मुजफ्फरपुर बालिका गृह की घटना के बाद अब नया मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में बालिका गृह में अनैतिक कार्यों के तौर पर प...
भीष्म साहनी को कोई कैसे भुला सकता है?
प्रगतिशील और प्रतिबद्ध कथाकार, नाटककार भीष्म साहनी की आज 103वी जयंती है। वे इतने बड़े रचनाकार हैं कि उनको बार-बार, लगातार याद किया जाना बेहद जरूरी है। भीष्म जी की रचनाशीलता मुख्तसर नहीं है, बल्कि इसका दायरा काफी लंबा है। उपन्यास, कहानियां, नाटक, आत्मक...
कश्मीर: धारा 35-ए की गुत्थी ठीक करना जरूरी
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा और अधिकतम स्वायत्तता देने वाले अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिकता पर उठे प्रश्न की गुत्थी सुलझने की घड़ी निकट दिख रही हैं। सर्वोच्च न्यायालय में गैर-सरकारी संगठन बी द सिटीजन्स द्वारा दायर जनहित याचिका के क्रम में यह सुनवाई न्याया...
बिल्ली के गले में घंटी बांधने की जरूरत
वर्ष 1975 की गर्मियों में सैगोन के पतन के बाद राजनीतिक दमन के भय से दक्षिण वियतनाम से हजारों लोगों ने पलायन किया। वे टूटी फूटी नौकाओं में भाग निकले। यह पलायन समुद्र द्वारा शरण लेने वाले लोगों का सबसे बड़ा पलायन था और इसके चलते उन्हें बोट पीपुल की संज्...