मानवीय लालच पहुंचा रहा है प्रकृति को नुकसान
वर्तमान में विकास के तथाकथित मॉडल ने पूरी दुनिया को वैश्विक ग्राम का रूप प्रदान तो किया है, किन्तु मानवीय मूल्य, संवेदनाएं, सामाजिक सरोकार और प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति हमारा व्यवहार सब कुछ कहीं खो गया है। तथाकथित विकास के परिणामस्वरूप जन्मी अनेक ...
Tribhasha Sutra: त्रिभाषा सूत्र अपनाना अति आवश्यक
Tribhasha Sutra: विश्व में 6809 भाषाएं बोली जाती हैं। उनमें से 1600 से अधिक भाषाएं भारत में बोली जाती हैं। वर्ष 1971 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में केवल 20 से 22 भाषाएं ही नहीं बल्कि 1632 भाषाएं बोली जाती है। भारत में भिन्न-भिन्न स्थानों पर विभ...
ज्योतिबा फुले ने दिखाई सामाजिक बदलाव की राह
महात्मा ज्योतिबा फुले भारत में सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई के अगुवा हैं। अपने विचारों और कार्यों की बदौलत उन्होंने दलित-वंचित समाज को वर्ण-व्यवस्था के भेदभावकारी व शोषणकारी चंगुल से आजादी के लिए निर्णायक संघर्ष का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने देश ...
आधुनिक युग में नए नजरिए से गांधी
आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। वे भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत भी हैं और सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य भी। सत्यशोधक संत भी और शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साह...
परिवार में बढ़ती दूरियां
सामाजिक सौहार्द का जितना हृास विगत 50 वर्षों में हुआ है, उतना तो उससे पूर्व के पांच सौ वर्षों में भी नहीं हुआ था, जबकि उस समय न हमारी पहचान थी और न देश की। देश एक उपनिवेश मात्र था। जैसे-तैसे सैकड़ों नाम तथा अनाम सेनानियों की वजह से हमने स्वतंत्रता तो ...
जैव-विविधता प्रकृति का अनुपम उपहार
पर्यावरण एवं प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता के महत्व देखते हुए अंतरराष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस 22 मई को मनाया जाता है। जैव विविधता का सम्बन्ध पशुओं और पेड़ पौधों की प्रजातियों से है। जैव विविधता को बनाये रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है की हम अ...
लिंगानुपात में असंतुलन की गंभीर समस्या
भारतीय समाज में बेटा-बेटी में फर्क करने की मानसिकता में बदलाव लाने और लड़कियों की दशा और दिशा सुधारने के लिए पिछले कुछ वर्षों से सरकारी स्तर पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे कई महत्वपूर्ण अभियान चलाए जाने के बावजूद हाल ही में ‘नीति आयोग’ की जो चौंकाने व...
भारत में गरीबी के आंकड़ों का मायाजाल
भारत गरीबी के चंगुल से निकलने के किये सतत् प्रयासरत है। गरीबी उन्मूलन की विभिन्न योजनाओं के चलते देश में गरीबी हटने के आशा जनक संकेत तो कम से कम यही बता रहे हैं। इसे आंकड़ों का मायाजाल कहें या वास्तविकता मगर गरीबी के लगातार हटने के समाचारों से भारत को...
‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’
18जून 1858 को महारानी लक्ष्मीबाई ने अपने देश को स्वतंत्र कराने हेतु जो आत्मोत्सर्ग किया, वह भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया। महारानी लक्ष्मीबाई के समान अतुलनीय पराक्रम, शौर्य, संगठन भावना और दूरदृष्टि विश्व...
पर्यावरण: घटती हरियाली, बढ़ता प्रदूषण
देश की राजधानी दिल्ली में सरकार द्वारा हजारों पेड़ काटने की अनुमति प्रदान किए जाने को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद अंतत: दिल्ली सरकार द्वारा यह तर्क देते हुए राजधानी में पेड़ काटने के सभी आदेश रद्द कर दिए गए हैं कि पेड़ काटने के नियमों के उल्लंघन का मामला...