राजनीतिक फैसलों में खोया भारतीय लोकतंत्र
भारतीय संविधान में लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना की गई है लेकिन जैसे-जैसे लोकतंत्रीय प्रणाली का समय गुजरता जा रहा है, उसी तरह लोकतंत्र को जंग खाए जा रही है। राजनीतिक पार्टियां भले ही सत्ता में हों या विपक्ष में, उनके बाहरी व आतंरिक सिस्टम में लोकतंत...
भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘मुफ्त’ एक बड़ी समस्या के जैसा
लग रहा है कि राजनीति ने हमारे देश की आर्थिकता को अंधेरे में रखना शुरू कर दिया है, जहां विज्ञान, सिद्धांतों और नियमों की कोई बात नहीं हो रही। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने ताजा शगूफों भरे निर्णयों से दिल्ली वासियों को 200 यूनिट तक बिल मा...
बैंकिंग सिस्टम में हो ठोस सुधार
आवश्यकता है निजी बैंकों की कार्यप्रणाली की सही निगरानी करने के लिए मजबूत अॅथारटी बनाने की। प्राईवेट बैंक अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बन चुके हैं। एनपीए में सरकारी बैंक भी पीछे नहीं हैं फिर भी निजी बैंकों के प्रबंध को सभ्य बनाने के लिए विशेष जोर देना होगा।
नेताओं के बिगड़ते बोल
साध्वी प्रज्ञा ने करीब पांच महीने पहले भी नत्थुराम गोड़से को देशभक्त था,
है और रहेगा कहा था। तब भाजपा ने इस ब्यान से पल्ला झाड़कर और
साध्वी को चेतावनी देकर इतिश्री कर ली थी।
हौसला व एकजुटता जरूरी
प्रधानमंत्री के संदेश का सवाल है जब करोड़ों लोग संकट में हों तब उन्हें हौसला देने के लिए प्रेरणादायक कार्य करना पड़ता है। जहां तक हो सके नेक कार्यों में सहयोग करना चाहिए। ताकत व एकता के बिना कोई भी लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। दरअसल एकता में ही ताकत होती है।
खिलाड़ियों की आय से हिस्सा मांगा जाना नहीं उचित
हरियाणा सरकार ने पेशेवर खिलाड़ियों से उनको हुई विज्ञापन व निजी कार्यक्रमों की आय से एक तिहाई हिस्सा मांगा है, हालांकि खिलाड़ियों व मीडिया से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आने से फिलहाल अधिसूचना को रोक लिया गया है। परंतु यहां सरकार की नीति पर कई सवाल उठ खड़े हु...
आय बढ़ने पर भी खुशहाली की गारंटी नहीं
हाल ही में संयुक्त राष्टÑ की ओर से विश्व खुशहाली पर एक रिपोर्ट जारी हुई है, भारत उसमें 140वें पायदान पर है जबकि कुछ वर्ष पहले भारत 133वें पायदान पर था, हम सात पायदान नीचे गिर चुके हैं। देश में जैसे-जैसे आर्थिक तानाबाना फैल रहा है देश में खुशहाली का स...
खंडित जनादेश में नेताओं की सौदेबाजी
महाराष्ट्र में सरकार बनाने में रोड़ा अटकाने के खेल की शुरूआत शिवसेना ने की थी
लेकिन इस रोड़ा अटकाने के खेल में अजीत पवार ने मौके का फायदा उठाया अंत में खेल भाजपा ने खत्म कर दिया।
जालसाजों व ठगी तंत्र से आमजन को बचाने की आवश्यकता
भले ही पुलिस शिकायत मिलने पर मामला तो दर्ज करती है
लेकिन कुछ मामलों को ही सुलझाया जाता है।
रिश्वतखोरी में जकड़ता भारत
राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आदर्श घोटाला, घोटाला ही घोटाला, भ्रष्टाचार चिंता का विषय बनता जा रहा है। लेकिन अब उस चिंता में संजीदगी नजर नहीं आती। जो भ्रष्टाचार से प्रभावित होते हैं, उनके लिए भी भ्रष्टाचार कोई गंभीर चिंता का विषय नहीं, क्योंकि अवसर मिलने प...