लॉकडाउन के बाद क्या होगा?
कभी किसी धार्मिक स्थान के लोग इसका कारण बनते हैं, कभी देश में ईधर से उधर हिल-जुलकर रहे प्रवासी मजदूर। अब तो अखबार बांटने वाले हॉकर एवं फूड सप्लाई ब्वॉय भी कोरोना को अंजाने में मदद कर रहे हैं। अत: कोरोना के विरुद्ध रैण्डम जांच व बड़े पैमाने पर जांच बेहद जरूरी हो गई है।
देश की बेहाली पर सुप्रीम कोर्ट का दर्द
इतना ही नहीं यहां उच्चतम न्यायरलय तब भी बेबस नजर आया है, जब न्यायालय के आदेश राजनीतिक पार्टियों से उनके दागी सांसदों, विधायकों का ब्यौरा मांगते हैं।
अवसरवादियों का खेल बनी राजनीति
राजनीति में बढ़ अवसरवादिता की सोच चिंताजनक है। इस्तीफा देने वाले विधायकों की मंशा किसी से भी छिपी नहीं है। यहां मामला विधायकों के दल बदल का नहीं बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को कुचल देने का है। अवसरवादी राजनेताओं के लिए सत्ता तिकड़मबाजी का खेल बन गई है।
भारत की सराहनीय पहल
भारत की सबसे बड़ी सफलता वायरस से पीड़ित मरीजों की पहचान करना है। केंद्र सहित राज्य सरकारों द्वारा हवाई अड्डों पर विदेशों से लौटे लोगों की निरंतर जांच की जा रही है। इसी तरह कोई जनसभा करना, सिनेमा, जिम, स्विमिंग पुल बंद करवाने के साथ-साथ स्कूलों व कॉलेजों में भी छुट्टियां कर दी गई हैं।
भारत को सतर्क रहना होगा
एक ही सप्ताह में भारत-चीन की सीमा पर तनावपूर्ण हलचल न होती। अभी कोरोना की महामारी ने भारत सहित चीन एवं सभी बड़े राष्ट्रो की अर्थव्यवस्थाओं को भारी नुक्सान पहुंचाया है। लेकिन भारत को बेहद सतर्क होने की आवश्यकता है चूंकि भारत की उत्तरी सीमा पर बैठा देश ज्यादा भरोसे लायक नहीं है।