जीवन पर खतरा, आर्थिक भविष्य की चिंता बेमतलब
आर्थिक तरक्की के चलते पूरी दुनिया ने अपना हवा, पानी, वन, मिट्टी, जीव जन्तु सब तहस-नहस कर लिए हैं। प्रकृति ने आर्थिक पहिये को जरा सा रोककर फिर से मनुष्य की हवा, पानी, मिट्टी, वनों की साफ-सफाई शुरू कर दी है वह भी बड़ी तेजी के साथ, जोकि मनुष्य अरबों रूपये के सफाई एवं पर्यावरण संरक्षण प्रोजेक्ट बनाकर भी नहीं कर पा रहा था।
लॉकडाउन की मजबूरी ने बदला जीवन का नजरिया
यह अच्छी बात है कि बड़ी संख्या में जनता ने मास्क पहनने व सामाजिक दूरी के नियमों की पालना को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लिया है।