भारत-नेपाल तनाव में किसका है फायदा
वर्तमान विवाद भी भारत विरोधी किसी संगठन का काम है जो नहीं चाहता है कि नेपाल व भारत में आपसी निकटता बनी रहे। लेकिन भारत विरोधी गठजोड़ नेपाल गठजोड़ भारत-नेपाल संबंधों में आए दिन कोई न कोई नया विवाद जोड़ता आ रहा है। देर सवेर उन ताकतों के चेहरे पर से पर्दा जरूर हटेगा जो भारत-नेपाल रिश्तों को सामान्य व मित्रवत नहीं रहने देना चाहते।
देर-सवेर जाकिर नाईक को भारतीय कानून का सामना करना ही होगा
वास्तविक्ता यह है कि इस्लाम अमन व शांति की शिक्षा देता है। नफरत के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं, सफलता की ओर अग्रसर मुस्लिम देशों में गैर-मुस्लिमों की मौजदूगी अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि विश्वास की भिन्नता मानवीय समाज की मजबूती बन रही है।मुस्लिम देशों के संगठनों के दर्जनों सदस्य हैं जो आतंकवाद को खारिज कर चुके हैं।
प्रवासी मजदूरों की दास्तां
मई महीने में मौसम में बढ़ रही तपिश, रात को ठहरने का कोई प्रबंध न होना, भूखे पेट रहना मजबूत अर्थव्यवस्था जैसे आदर्शों की सफलता में बड़ी रुकावट है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को प्रवास से घर लौट रहे मजदूरों की पीड़ाजनक दास्तां देखनी व समझनी चाहिए, इनकी घर वापिसी को तेज, सुखद व सफल बनाना चाहिए।
अर्थव्यवस्था व स्वदेशी को प्रोत्साहन सराहनीय
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर स्वदेशी को प्रोत्साहन देने की कोशिश की है, वह सराहनीय है। अब आर्मी कैन्टीन्स पर स्वदेशी सामान ही बेचा जाएगा। आमजन को भी चाहिए कि वह खुलकर स्वदेश निर्मित वस्तुएं खरीदें एवं विदेशी को तब खरीदें जब स्वदेशी न मिले।
भारत को सतर्क रहना होगा
एक ही सप्ताह में भारत-चीन की सीमा पर तनावपूर्ण हलचल न होती। अभी कोरोना की महामारी ने भारत सहित चीन एवं सभी बड़े राष्ट्रो की अर्थव्यवस्थाओं को भारी नुक्सान पहुंचाया है। लेकिन भारत को बेहद सतर्क होने की आवश्यकता है चूंकि भारत की उत्तरी सीमा पर बैठा देश ज्यादा भरोसे लायक नहीं है।
प्रभावी उपायों के बिना पटरी पर नहीं आएगी शिक्षा व्यवस्था
कोरोना लॉकडाउन में शिक्षा से वंचित रहे बच्चों का भविष्य बचाने के लिए सरकार, शिक्षा व समाज सेवा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को पहल करनी होगी। जिस देश में हर साल स्कूल छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या लाखों में हो वहां पढ़ाई को बचाने के लिए इसके प्रबंधों पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है।
नशे की विरोधी कैप्टन सरकार में शराब की होम डिलीवरी क्यों?
प्रदेश में यदि शराब की होम डिलीवरी होती है तब इससे कांग्रेस की विचारधारा और वायदों का क्या होगा। कांग्रेस को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि घरों तक शराब की सप्लाई करना उसे राजनीतिक तौर पर भारी पड़ेगा। अब यदि शराब की होम डिलीवरी के फैसले पर मुहर लग जाती है तब यह पंजाबी समुदाय व संस्कृति के लिए विनाशकारी होगा।
शाकाहार है कोरोना मुक्ति का सशक्त आधार
मियामी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवं ‘फिलॉस्फर एंड द वुल्फ’ और ‘एनिमल्स लाइक अस’ जैसी पुस्तकों के लेखक मार्क रौलैंड्स चेतना और पशु अधिकारों संबंधी अपने शोध के माध्यम से दुनिया को चेताया है कि मांसाहार कोरोना महामारी से भी अधिक बुरे नतीजे ला सकता है। यह न केवल हृदय संबंधी बीमारियां, कैंसर, डायबिटीज और मोटापा बढ़ा रहा है बल्कि पर्यावरण संबंधी कई समस्याएं भी पैदा कर रहा है, जिन्हें हम महसूस कर रहे हैं।
सर्तकता में ही बचाव
इस बुरे वक्त में सरकार, प्रशासन, निजी कंपनियों, आमजन सबको बहुत ही सर्तकता से अपना काम करना है। जरा सी भूल से जहां कोरोना की मार पड़ सकती है वहीं विसाखापत्तनम या ओरंगाबाद रेल हादसे जैसी कोई त्रासदी भी घटित हो सकती है।
वन्यजीवों को भी है जीने का अधिकार
कुछ देश आर्थिक लाभों के लिए अभी भी प्राकृतिक वन संपदा के साथ-साथ वन्यजीवों के शिकार के परमिट खुली बोली प्रक्रिया के माध्यम से दे रहे हैं जो कि शर्मनाक है।