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Saturday, April 19, 2025
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    Indefinite phase of unemployment

    अनिश्चितकालीन भंयकर बेरोजगारी का दौर

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    हाल में जारी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी कि रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 84 फीसदी से ज्यादा घरों की मासिक आमदनी में गिरावट दर्ज की गई है। देश में कामकाजी आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा इस समय बेरोजगार हो चुका है।
    Has the government failed to prevent the lockdown and corona

    क्या लॉकडाउन व कोरोना से बचाव पर सरकार विफल हो गई

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    अब लॉकडाउन तब हट रहा है जब देश में डेढ़ लाख के करीब कोरोना मरीज हो गए हैं। स्पष्ट है क्या पहले का लॉकडाउन बिना जरूरत किया गया? क्योंकि कोरोना की भयानकता को देखते हुए लॉकडाउन की शायद अब ज्यादा जरूरत है।
    Double standards of social distancing

    सोशल डिस्टैंसिंग के दोहरे मापदंड

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    यह तर्क हास्यस्पद है कि देश में चल रहे विमान में सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है व विदेश से आने वाले विमानों में डिस्टेंसिंग की आवश्यकता नहीं है। इसमें केंद्र व राज्य सरकारों की उन अपीलों का कोई औचित्य नहीं रह जाता जिनमें आम लोगों को बाजार, अस्पतालों व अन्य स्थानों पर जाते समय और आपसी दूरी को बनाए रखना कोरोना से बचने का मूल मंत्र बता रहीं हैं।
    तालों में कैद रहता है पानी

    जल संरक्षण व पौधारोपण अत्यंत आवश्यक

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    गर्मी का मौसम अब अपने पूर...
    Instead of doing politics on storm victims, help them

    तूफान पीड़ितों पर राजनीति न कर मदद की जाए

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    इस मामले में दोनों पक्षों को चुनावी फायदे को एक तरफ रखकर इंसानियत, नैतिक व कानूनी जिम्मेदारी के साथ पीड़ित लोगों की मदद करनी चाहिए।
    Solidarity against terrorism is necessary

    आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता जरूरी

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    अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता के दावे खूब होते हैं लेकिन जब उस फैसले को मानने की बात आती है तब सबूतों के अभाव की दुहाई दी जाती है। बेहतर होगा यदि म्यांमार की तरह अन्य देश भी आतंकवाद को खत्म करने में मदद करें व स्पष्ट व ठोस नीतियां बनाएं, क्योंकि आतंकवाद को पनाह देने से किसी भी देश का भला नहीं हो सकता।
    Labourer are facing the politics of buses

    बसों की राजनीति में पिस रहे मजदूर

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    उत्तर प्रदेश में सीमा पर फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी और यूपी सरकार के बीच पिछले कुछ दिन से चल रही ‘बस राजनीति’ गर्म तो खूब हुई लेकिन उन मजदूरों को कोई फायदा पहुंचाने में कामयाब नहीं हुई जो अभी भी सड़कों पर पैदल चलने को विवश हैं।
    The compulsion of lockdown changed the outlook of life

    लॉकडाउन की मजबूरी ने बदला जीवन का नजरिया

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    यह अच्छी बात है कि बड़ी संख्या में जनता ने मास्क पहनने व सामाजिक दूरी के नियमों की पालना को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बना लिया है।
    Afridi's words his political ambition

    अफरीदी के बोल उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा

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    पाकिस्तान के नामी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें वह भारत के प्रधानमंत्री पर बेहुदा टिप्पणी कर रहा है। गौतम गंभीर, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और शिखर धवन जैसे क्रिकेटरों ने शाहिद अफरीदी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि वो ऐसे शब्द कभी स्वीकार नहीं कर सकते।
    Will government approval be required to know someone's well being

    किसी का हाल जानने के लिए क्या सरकारी मंजूरी लेनी होगी

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    सोचिये, अगर सड़कों पर बेवस लोगों की भीड़ नहीं होती तो राहुल किसका वक्त बर्बाद करते? सरकार को राहुल का नोटिस लेने की बजाय प्रशासन का नोटिस लेना चाहिए कि क्यों प्रशासन ने गरीबों की बेवसी को अनदेखा कर सरकार से ट्रेन व यातायात की व्यवस्था की आज्ञा नहीं ली।

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