स्वच्छता के बिना पूंजीनिर्माण एक अभिशाप
आमजन पीढ़ी दर पीढ़ी ये संस्कार देते थे कि पेड़-पौधों, जीवों, मिट्टी-हवा, पानी को नुक्सान नहीं पहुंचाया जाए।
बातचीत पटरी पर, लेकिन दिल खोलना होगा
लाल किले की घटना वाले आरोपियों की किसान संगठनों के खिलाफ बयानबाजी भी उनके मुख्य किसान संगठनों से अलग होने की पुष्टि करती है। किसान और सरकार दोनों पक्ष कानून व्यवस्था संबंधी जान चुके हैं।