सामाजिक कुरीतियों की राजनीतिकों व प्रशासन द्वारा अनदेखी पीड़ादायक
हम 21वीं शताब्दी के आधुनिक युग में जी रहे हैं, लेकिन देश अभी तक जातिवाद से आजाद नहीं हो सका। आगरा में एक महिला की मृतक देह का संस्कार यह कहकर रोक दिया गया कि श्मशान घाट उच्च जातियों की है। आखिर मृतका का संस्कार किसी और जगह किया गया। ऐसी घटना महज उत्त...
उलझ रहा राजस्थान का राजनीतिक संकट
राजस्थान में सत्तापक्ष कांग्रेस में सचिन पायलट गुट की बगावत के कारण पैदा हुआ राजनीतिक संकट उलझता जा रहा है। इस मामले में राज्यपाल की भूमिका भी चर्चा का विषय बन गई है। सही अर्थों में देखें तो अब यह मुख्यमंत्री और राज्यपाल का विवाद बन गया है। अब बात यह...
कोरोना नियमों में न किया जाए भेदभाव
देश में कोविड-19 महामारी का कहर लगातार जारी है। आम आदमी से पुलिस कर्मचारियों व बॉलीवुड तक इस महामारी का असर दिखाई दे रहा है। राजनीति में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान देश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनको कोविड-19 वायरस की पुष्टि हुई है। इससे प...
महिलाओं के अधिकारों पर लगी मोहर
केंद्र सरकार ने सेना में महिलाओं को समानता का अधिकार देने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मोहर लगा दी है। सेना की दस स्ट्रीमें-आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल इंजीनियर, आर्मी एवीनेशन, ईलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कार्प, इंटेलिजेंस,...
बढ़ रहा कोरोना, आमजन रहे सतर्क
देश में कोविड-19 की महामारी का प्रकोप दिन-भर-दिन बढ़ता जा रहा है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण देश भर में स्थिति गंभीर बन गई है। शुरूआत में रोजाना 100-200 मरीज आते थे, लेकिन अब रोजाना 40,000 कोरोना मरीज आ रहे हैं। इस हिसाब से तीन दिनों में डेढ़ लाख के...
रेलवे का निजीकरण सुरक्षित व जनता के हित में हो
केंद्र सरकार ने निजीकरण के तहत 151 नई ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है और इस प्रोजैक्ट के मुकम्मल होने संबंधी समय भी तय कर दिया है। सन 2023 तक 12 ट्रेनें और 2024 तक 45 ट्रेनें चलेंगी। 2027 तक 151 ट्रेनों को चलाने का काम मुकम्मल हो जाएगा। इससे पूर्व ते...
अपराधों के विरुद्ध इच्छाशक्ति की कमी एक समस्या
नशा तस्करी हमारे देश का बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा है। राजनीतिक मुद्दों ने तो यहां राज्य सरकारें तक पलट दी हैं, लेकिन इस मामले का कोई समाधान नहीं निकला बल्कि यह सत्ता प्राप्त करने की एक सीढ़ी बन गई है। दरअसल नशा तस्करी रोकने में राजनीतिक इच्छा शक्...
प्राकृतिक आपदाओं से मिलकर निपटने की जरूरत
असम में बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है। राज्य के 33 जिलों में से 27 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भले ही सरकार के राहत कार्य जारी हैं, फिर भी बड़े स्तर पर नुक्सान हुआ है। भारी बरसात से 73 लोगों की मृत्यु हुई और अर...
महामारी में नई पीढ़ी के स्वास्थ्य की हो गारंटी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व में कोविड-19 महामारी के कारण बच्चों के टीकाकरण (डीटीपी) की मुहिम के विफल होने पर चिंता जाहिर की है। इस मुहिम को हर हाल में जारी रखना आवश्यक था, संगठन की चिंता जायज है क्योंकि बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकारों की...
सख्ती बरतना कांगे्रस की मजबूरी बनी
अब जो कुछ भी हो, एक बात स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आई है कि कांग्रेस ने कर्नाटक और मध्यप्रदेश के घटनाक्रम से सीख जरूर ली है, उसी का यह नतीजा है कि कांग्रेस ने पायलट और उसके साथियों के विरुद्ध कड़ा रूख अख्तियार किया है। परिणामस्वरूप पायलट को न केवल उप म...
कोरोना को लेकर असमंजस में राज्य
देश के कई राज्यों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के बाद एक बार फिर सख्ती बढ़ाई जा रही है। बिहार में 16 से 31 जुलाई तक मुकम्मल लॉकडाउन किया जा रहा है। इसी तरह पंजाब में वैवाहिक समारोह में लोगों की गिनती 50 से घटाकर 3...
भारत से दूर जा रहा ईरान
ईरान कभी भारत के मित्र देशों में शुमार था, विशेष रूप से दक्षिणी एशिया में शक्ति संतुलन कायम रखने और पड़ोसी देश पाकिस्तान संबंधी रणनीति के लिए ईरान का सहयोग भारत के लिए महत्वपूर्ण था। भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए समझौता कर ईरान ...
‘कोरोना’ को हलके में न लें, सावधानी बरतें
देश में कोरोना महामारी का कहर निरंतर बढ़ रहा है। देश में मरीजों की संख्या 7 लाख के पार और 20 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की कई पाबंदियां हटाने के बाद बाजारों में रौणक देखने को मिली है। भले ही ठीक होने वाले मरीजों की गिनती ज...
कृषि विभाग की अधूरी तैयारियां
धान की सीधी बिजाई विफल होने के कारण एक बार फिर से साबित हो गया है कि कृषि क्षेत्र अभी बहुत पिछड़ा हुए क्षेत्रों में है। खासकर राज्य सरकारों की कृषि नीतियों में भारी सुधारों की आवश्यकता है। इस लॉकडाऊन के कारण मजदूरों की कमी के चलते धान की सीधी बिजाई का...
आधुनिक समाज में भी नारी को समस्याओं से जूझना पड़ रहा
प्राचीन काल से ही जग-जननी को संत महात्माओं, पीर-पैगम्बरों ने पूरा मान-सम्मान दिया है। नारी को जगत की उत्पत्ति का आधार बताया गया है। प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, लेखकों, नेताओं ने भी नारी को मां, बहन, बेटी, पत्नी के उसके अलग-अलग रूपों में उसकी महानता को स्वी...