अंतर्राष्ट्रीय समितियों में अपनी स्थिति का लाभ उठाएं भारत
तालिबान सेंक्शन कमेटी उन देशों की सूची तैयार करती है, जो तालिबान का आर्थिक रूप से समर्थन करते हैं, या उनके साथ किसी और तरह से सहयोग करते हैं।
रक्षा जरूरतों को स्वयं पूरी कर ताकतवर बने भारत
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से निर्मित किये जाने वाले हल्के लड़ाकू विमान की खरीद को मंजूरी देकर भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग को तेजस्विता एवं स्वावलंबन की नयी उड़ान दी है। पिछले साल भारतीय वायु सेना ...
हमारे देश में ही भ्रामक प्रचार क्यों?
ऐसा लगता है हम भारतीय दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार नहीं। दुनिया चाँद पर जा बैठी है परंतु हम धरती पर ही एक-दूसरे के साथ लड़ते रहेंगे। देश में कोरोना महामारी (कोविड-19) से निपटने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी मुहिम चल पड़ी है परंतु वहीं अफवाहों का दौर जार...
क्या हो प्रदूषण की समस्या का दीर्घकालिक हल
इन दिनों दिल्ली में तेज हवा की वजह से पारे में यहां तेज गिरावट आई वहीं ठंड भी बढ़ी, मगर इससे हवा के साफ होने की भी गुंजाइश बनी है। अब एक बार फिर दिल्ली में कोहरे या धुंध की हालत बनने के साथ वायुमंडल के घनीभूत होने की हालात पैदा हो गई है और इसमें प्रदू...
अन्ना अनशन की घोषणा पर किसानों की चुप्पी
अन्ना का भ्रष्टाचार विरुद्ध आंदोलन एक विफल आंदोलन रहा है चूंकि तब केन्द्र सरकार ने उन मांगों को पूरा नहीं किया जिन्हें लेकर अनशन किया गया था।
स्वच्छता के बिना पूंजीनिर्माण एक अभिशाप
आमजन पीढ़ी दर पीढ़ी ये संस्कार देते थे कि पेड़-पौधों, जीवों, मिट्टी-हवा, पानी को नुक्सान नहीं पहुंचाया जाए।
सरकार पर भारी शराब माफिया
तमाम दावों और घोषणाओं के बावजूद देश में जहरीली शराब मौत का पर्याय बनी हुई है। न तो इसके अवैध निर्माण का कारोबार बंद हुआ है और न ही बिक्री पर रोक लग पाई है। नतीजतन हर साल जहरीली शराब से सैंकड़ों लोग बेमौत मारे जाते हैं।
किसान मुद्दों के हल की उम्मीद बनी कमेटी
आंदोलनरत किसानों के लिए उनके हकों की लड़ाई भले ही अब उनके हाथों से कानून के हाथों में पहुंच गई है परन्तु आगे जो भी फैसला होगा वह देश की भावी कृषि का चेहरा बनेगा, जिसे पूरे देश को समझना होगा और उसके अनुसार ही अपना भविष्य तय करना होगा।
उच्चतम न्यायालय ...
अंतरिक्ष केन्द्र व वैज्ञानिकों की सुरक्षा में न हो चूक
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ सलाहकार व वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने जिस तरह अपने खिलाफ हुई जानलेवा साजिशों का पर्दाफाश किया है वह बेहद सनसनीखेज है। वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उन्हें मारने के लिए 2017 से 2020 तक तीन बार कोशिश की गई। जि...
सेंट्रल विस्टा पर हल्ला, भला ये भी कोई बात हुई
देश में जनप्रतिनिधियों के भारी भरकम वेतन उन्हें दिए जा रहे भत्ते, एक बाद एक पेंशन दिया जाना, फिजूल खर्च है। सरकार द्वारा उद्योगपतियों को पहले केन्द्रीय बैंकों से आसान शर्तों पर हजारों करोड़ के ऋण देना फिर उन्हें माफ कर देना ये धन की घनघोर बर्बादी है।
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