देश के 425 कृषि विज्ञान केंद्रों व 20 बड़े कृषि संस्थानों की 25 फीसदी भूमि पर तैयार होगा प्राकृतिक खेती का रोल मॉडल
- केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में किया प्राकृतिक खेती का अवलोकन
- देश के 30 करोड़ विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी
कुरुक्षेत्र(सच कहूँ/देवीलाल बारना)। देश में ICAR (इंडियन काउंसिल आॅफ एग्रीकल्चरल रिसर्च) और कृषि संस्थानों के माध्यम से प्राकृतिक खेती (Natural Farming) का रोल मॉडल तैयार किया जाएगा। इस प्राकृतिक खेती के रोल मॉडल को पूरा विश्व देखेगा। इस खेती का आधार और मुख्य शोध केंद्र गुरुकुल कुरुक्षेत्र रहेगा। इस प्राकृतिक खेती को अपनाने और शोध करने के लिए देश के 425 कृषि विज्ञान केंद्रों व 20 बड़े कृषि संस्थानों के 25 फीसदी भूमि पर प्रयोग किया जाएगा। इतना ही नहीं देश में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में तीसरी कक्षा से लेकर पीएचडी तक प्राकृतिक खेती पर पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया गया है।
ये विचार केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने गांव कैंथला में गुरुकुल कुरुक्षेत्र की करीब 180 एकड़ प्राकृतिक खेती का अवलोकन करने के उपरांत पत्रकारों के समक्ष कहे। इससे पहले केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती के जनक आचार्य डॉ. देवव्रत, आईसीएआर भारत सरकार के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव मनोज आहुजा, एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर दिनेश शकलानी, हिसार कृषि विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा ने गुरुकुल कुरुक्षेत्र की गांव कैंथला में 180 एकड़ प्राकृतिक खेती का अवलोकन किया।
प्राकृतिक खेती के मॉडल को देश में अपनाया जाएगा | Natural Farming
केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और आय को दोगुना करने के उद्देश्य से बजट में प्राकृतिक खेती के लिए अलग से प्रावधान किया है। सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को कम लागत पर अच्छा उत्पाद मिल पाए और आय में इजाफा हो सके तथा उपज और खेत केमिकल से मुक्त हो सके। इस प्राकृतिक खेती का उदाहरण गुरुकुल कुरुक्षेत्र में देखने को मिला। इस गुरुकुल में राज्यपाल आचार्य डॉ. देवव्रत ने प्राकृतिक खेती करके देश ही नहीं विश्व में प्राकृतिक खेती करने की रोशनी दिखाई है। अब इस प्राकृतिक खेती के मॉडल को देश में अपनाया जाएगा।
हिमाचल में 2 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया: डॉ. देवव्रत
गुजरात के राज्यपाल आचार्य डॉ. देवव्रत ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र के फार्म हाउस में प्राकृतिक खेती का सफल परीक्षण करने के उपरांत 3-4 सालों में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार किया गया और गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्रशिक्षण भी दिया गया, जिसके कारण हिमाचल में 2 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन को सफल बनाने के लिए ओर रासायनिक खेती के विकल्प के रूप में प्राकृतिक खेती को अपनाया गया है।
पाठ्यक्रम में शामिल होगी प्राकृतिक खेती | Natural Farming
एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर दिनेश शकलानी ने कहा कि एनईपी के तहत तीसरी कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक प्राकृतिक खेती को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। देश के 30 करोड़ विद्यार्थियों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. समर सिंह, राज्यपाल के ओएसडी डा. राजेंद्र विद्यालंकार, डॉ. बलवान सिंह, डॉ. हरिओम सहित कृषि वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी मौजूद थे।
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